रमेश गोयत

चंडीगढ़,20 जुलाई । कोरोना योद्वाओं की देखभाल में जुटे हरियाणा टूरिज्म निगम के हजारों कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण कर्मचारियों के सामने भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। टूरिज्म कर्मचारियों को अब दुकानदारों ने उधार में राशन देना भी बंद कर दिया है और निजी स्कूलों के प्रबंधकों ने भी बच्चों की फीस भरने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मजेदार बात यह है कि हरियाणा टूरिज्म निगम के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को हर महीने बिल्कुल समय पर वेतन मिल रहा है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने टूरिज्म निगम के कर्मियों को अप्रैल माह के बाद वेतन न देने की घोर निन्दा की है और बिना किसी ओर देरी के मई व जून के बकाया वेतन का भुगतान करने तथा जुलाई महीने का वेतन समय पर देने की मांग की है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर चालू सप्ताह में बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो कर्मचारियों के पास आंदोलन पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

उन्होंने बताया कि कितने आश्चर्य की बात है कि अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात कोरोना योद्वाओं डाक्टरों,नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल स्टाफ की देखभाल में लगे हुए इन कर्मचारियों को करीब तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा है और दूसरी तरफ निगम मुख्यालय में बैठे अधिकारी और कर्मचारी समय पर वेतन पा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को यह परेशानी नहीं है कि उन्हें समय पर वेतन क्यों मिल रहा है ,बल्कि हमे परेशानी यह है कि एक हांडी में दो पेट क्यों है। फिल्ड व मुख्यालय के कर्मचारियों के वेतन में एक समानता क्यों नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करते हुए इस भेदभावपूर्ण व्यवहार की जांच कराने और दो महीने के बकाया वेतन का एकमुश्त भुगतान करवाने का अनुरोध किया है।

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