पंचकूला 17 जुलाई 2020, हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों आदि में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को लगातार नौकरी से निकाला जा रहा है। इससे नाराज पंचकूला के कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले रोष प्रदर्शन कर तहसीलदार पंचकूला के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए सकसं हरियाणा के जिला प्रधान रामपाल मलिक ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते सरकार ने सार्वजनिक अपील की थी कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से ना निकाला जाए। लेकिन खुद सरकारी संस्थान इस अपील की अनदेखी कर रहे हैं। अनदेखी करते हुए क्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र ने मई माह से करीब 60 सफाई कर्मचारियों को काम से हटा दिया था। इसके विरोध में सफाई कर्मचारी यूनियन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा दिए गए धरना प्रदर्शन के बाद 20 मई 2020 को उपायुक्त जिला कुरुक्षेत्र की ओर से एसडीएम ने मध्यस्था करते हुए सभी हटाए गए सफाई कर्मचारियों को वापस काम पर लेने का आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया था। लेकिन 20 मई का समझौता अभी तक लागू नहीं किया गया है। उपायुक्त व विकास बोर्ड के अधिकारी हटाए गए सभी 60 कर्मचारियों को ड्यूटी पर लेने की बजाय कभी 15 तो कभी 30 कर्मचारियों को ड्यूटी पर लेने की बात करते हैं। कुरुक्षेत्र प्रशासन की वादाखिलाफी व अमानवीय व्यवहार के चलते हटाए गए सभी कर्मचारी 8 जून 2020 से लगातार उपायुक्त कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। जिला सचिव विजय पाल सिंह व संगठन सचिव श्रवण कुमार जांगड़ा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी के दौरान बेरोजगारी दर बहुत अधिक बढ़ी है। सरकार को इस दौरान अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देकर बेरोजगारी के संकट से निजात दिलानी चाहिए थी। लेकिन इसके उल्ट क्षेत्र विकास बोर्ड के अलावा भी पर्यटन निगम, नगर निगमों व पालिकाओं, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, मीरपुर यूनिवर्सिटी रेवाड़ी, स्वास्थ्य विभाग से ठेका कर्मचारी, पशुपालन विभाग, आईटीआई पलवल से अनुबंधित कर्मचारियों को हटाया गया है। यही नहीं शिक्षा विभाग के निर्दोष 1983 पीटीआई की बर्खास्तगी के बाद कंप्यूटर टीचर व लैब अटेंडेंट का अनुबंध भी खत्म कर दिया गया है। पॉलिटेक्निक से कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। इसलिए आज रोष प्रदर्शन कर इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हैं कि हर दिन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर रोक लगाई जाए व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से हटाए गए कर्मचारियों सहित पर्यटन निगम, शहरी विकास प्राधिकरण, मीरपुर यूनिवर्सिटी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी, पॉलिटेक्निक, प्रसारण निगम, पशुपालन, शिक्षा विभाग से पीटीआई, कम्प्यूटर टीचर्स, लैब अटेंडेंट इत्यादि सभी बर्खास्त/ छंटनी किए गए कर्मचारियों की सेवाएं बहाल की जाएं। इस रोष प्रदर्शन को हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के राज्य उपमहासचिव बलबीर जाखड़, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला उपप्रधान सत्यनारायण शर्मा, संजीत कादयान, एएचपीसी वर्कर यूनियन के जिला प्रधान मनजीत सिंह, नितिन कुमार, कर्म सिंह, विकास शर्मा, कृष्णा देवी, सुरेंद्र पांचाल आदि कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया। Post navigation सब्जी उत्पादक किसानों ने विधायक प्रदीप चौधरी को सोंपा ज्ञापन हरियाणा राजभवन में सीनियर अधिकारी की पत्नी सहित 21 में मिला कोरोना संक्रमण