हांसी , 16 जुलाई। मनमोहन शर्मा

यदि आपके पास कृषि या इसके सहायक क्षेत्रों में कोई नया उद्यम शुरू करने का आइडिया है तो हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्थित एग्री बिजनेस सेंटर (एबीक) आपकी मदद के लिए तैयार है। यह सेंटर कृषि क्षेत्र में नए आइडिया वाले उद्यमियों, स्टार्ट अप्स और अविष्कारकों की मदद करके उनकी प्रतिभा को नया मुकाम देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस सेंटर के माध्यम से अब तक दर्जनों नए स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक चल रहे हैं जिनमें सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला है।

दरअसल, नाबार्ड और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से चल रहे एबीक में कृषि व इससे जुड़े क्षेत्र में नव उद्यमियों के नए विचारों को तराशने और इन्हें क्रियान्वित करके सफलता के अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए उद्यमियों को न केवल स्टार्टअप्स शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है बल्कि व्यवसाय के दौरान बाद में उनके सामने आने वाली आर्थिक रुकावटों को भी दूर किया जाता है।

  इंक्यूबेशन सेंटर द्वारा अभी हाल ही में हरियाणा और पड़ोसी राज्यों तथा केंद्र शासित क्षेत्रों के एग्री स्टार्टअप्स के लिए राष्टï्रीय कृषि विकास (आरकेवीवाई)-रफ्तार योजना के तहत पहल-2020 तथा सफल-2020 कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। इनके अंतर्गत आईडिया/प्री सीड स्टेज तथा सीड स्टेज (प्रोटोटाइप एमवीवाई) श्रेणी के तहत 2-2 माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। एग्री स्टार्टअप्स इन कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को जहां प्रतिमाह 10 हजार रुपये की दर से वजीफा दिया जाएगा वहीं सफलतापूर्वक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने वाले उद्यमियों को पहल श्रेणी में 5 लाख रुपये तथा सफल श्रेणी में 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के लिए आवेदन के योग्य माना जाएगा।

इंक्यूबेशन सेंटर की नोडल ऑफिसर डॉ. सीमा रानी ने बताया कि 8 सप्ताह की प्रशिक्षण अवधि के दौरान उद्यमियों को क्षेत्र के विशेषज्ञों से मिलकर अपनी नेतृत्व क्षमता को विकसित करने और विश्व स्तरीय रिसर्च लैब में कार्य करने के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही नव उद्यमियों को अपने क्षेत्र में नेटवर्किंग बनाने के मौके भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

नव उद्यमी फसलों के उत्पादन व संरक्षण, फ्लोरीकल्चर, मशरूम एंड बायो पेस्टिसाइड प्रोडक्शन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, बायो गैस-बायो फर्टीलाइजर प्रोडक्शन, एक्वाक्लचर, टिश्यू कल्चर, एग्री वेस्ट मैनेजमेंट, फार्म मैकेनाइजेशन, प्रोसेसिंग एंड वैल्यू एडिशन, नर्सरी राइजिंग, कृषि में आईओटी, आईसीटी व एआई, डवलेप्मेंट ऑफ न्यू वैराइटीज, एपीकल्चर, ऑर्गेनिक/प्रसीजन फार्मिंग, फार्म मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में नए विचारों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारी कर सकते हैं।

सेंटर के बिजनेस मैनेजर विक्रम सिंधू व सहायक बिजनेस मैनेजर शैलेंद्र सिंह ने बताया कि इंक्यूबेशन सेंटर की सेवाओं व योजनाओं का लाभ किसी भी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश का उद्यमी ले सकता है लेकिन उसे अपना उद्यम हरियाणा में शुरू करना होगा। इससे हरियाणा प्रदेश में कृषि व इससे जुड़े नए व्यवसाय व उद्यम शुरू होंगे और अधिक से अधिक युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा।

उन्होंने बताया कि इस केंद्र के माध्यम से अब तक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 50 से अधिक युवा उद्यमियों को किसी और से रोजगार मांगने की जरूरत नहीं पड़ी बल्कि वे आज सैकड़ों अन्य युवाओं को रोजगार देने के काबिल बने हैं। इन नव उद्यमियों को केंद्र व राज्य सरकार की अन्य अनेक योजनाओं व कार्यक्रमों का भी लाभ मिलता है। इस प्रकार हकृवि का यह इंक्यूबेशन सेंटर हरियाणा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने और और यहां के नए विचारों वाले युवाओं को सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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