चंडीगढ़। गत दिनों विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कहा था। यदि कोई अधिकारी विधायक का कहना नहीं मानता अथवा फोन अटेंड नहीं करता या विधायक द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना करता है तो उसकी शिकायत विधानसभा में करें जिससे ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

परंतु यहां तो उल्टा ही देखने को मिला है कुछ समय पहले विधानसभा अध्यक्ष ने एमएलए हॉस्टल की व्यवस्था को लेकर कुछ कर्मचारियों को निलंबित भी किया था तथा आदेश दिए थे की एमएलए हॉस्टल की व्यवस्था और कमरों के देखरेख सुचारू रूप होनी चाहिए। एमएलए होस्टल में स्पीकर के आदेशों के विपरीत देखने को मिला।

कल कमरा नम्बर 8 में कैथल विधायक लीलाराम गुर्जर से मिलने के लिए कोई पत्रकार गए। शिष्टाचार भेंट के बाद जब उनकी नजर दीवार पर लगी घड़ी पर पहुची जो सांय 8.40 बजे की जगह 2.25 का समय दिखा रही थी। विधायक लीलाराम ने बताया सुबह आते ही मेने होस्टल स्टाफ़ को घड़ी ठीक तरह से न चलने की शिकायत की थी परन्तु सारा दिन बीत गया अभी तक भी ठीक नही करी।

अब सवाल यह उठता है कि यदि स्पीकर ज्ञानचन्द के मातहत कर्मचारी ही उनके आदेशो को नही मानेगे और होस्टल में ठहरे विधायकों की शिकायतो को नजर अंदाज करेंगे तो बडे बडे आईएएस,आईपीएस विधानसभा स्पीकर अथवा विधायकों को आदेशो को क्या अहमियत देंगे!

यह छोटा सा सवाल विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता व विधायकों के मान-सम्मान का है! कहते हैं यदि छोटी छोटी गलतियों पर अंकुश लगाया जाएगा तो बड़ी गलतियां स्वयं में ही खत्म हो जाएगी।

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