-अब तक मिले 14 हजार कोरोना केस, प्रदेश भर में अब तक 21 हजार -रेवाड़ी में आंकड़ा 707 तो महेंद्रगढ़ में 512-नारनौल शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस से भी नहीं सबक ले रही जनता। -प्रशासन के द्वारा कोरोना के नियमो का पालन न करने पर चालान करने बाद भी नहीं सुधर रही जनता। अशोक कुमार कौशिक नारनौल । उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा के चार जिलों में कोरोना के दिनोदिन डरावना रूप लेने से अब लोगों को गहरी नींद से जागने का वक्त आ गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में कोरोना के लगातार पांव पसारने की वजह से हरियाणा सरकार जल्द फिर लॉक डाउन यानि कर्फ्यू जैसा अहम फैंसला ले सकती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर शामिल हैं। इन चारों जिलों में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में गृहमंत्री ने इन चार जिलों में सख्ती के सीधे संकेत दिए हैं। रेवाडी़ और महेंद्रगढ़ में भी संक्रमितों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।बता दें कि इन 4 जिलों में अब तक 14 हजार कोरोना केस सामने आ चुके हैं। पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसों का आंकड़ा 21 हजार तक पहुंच गया है। जिला रेवाड़ी में यह 707 के पार पहुंच गया है तो वही महेंद्रगढ़ में 512 लोग अब तक इसकी गिरफ्त में आ चुके है। दोनों जिलों में अब संक्रमितों का रोज मिलना आम बात हो गयी है।अगर एनसीआर में कोरोना केस बढ़े तो इसका सबसे अधिक खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा। लगातार ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के केस सामने आने से इस महामारी के सामाजिक फैलाव की सम्भावना से भी सरकार चिंतित है। फिलहाल लोगों को सरकार के कोरोना रोधी कदमों के साथ कदम ताल करते हुए आगे बढ़ना होगा। उधर कोरोना के नमूने लेने का काम तेज होने के बाद अब ऐसे नमूनों की जांच में भी तेजी आई है। कोरोना को लेकर जिला महेंद्रगढ़ की बात करे तो अब जिले में कोरोना लगातार स्थानीय चैन सिस्टम के तहत तेजी से फैल रहा है। उसके बाद भी जिलावासी समझने को तैयार नहीं है। इस ना समझी और लापरवाही के चलते धीरे धीरे स्थिति विस्फोटक बनने की अग्रसर है। जिस प्रकार नारनौल और अन्य जगहों पर पुरे परिवार के परिवार और आस पड़ोस के लोग लगातार चैन सिस्टम के तहत संक्रमित हो रहे है फिर भी जनता समझने को तैयार नहीं है। एक खबर के अनुसार कन्टेनमेंट जोन में भी लोग नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए व्यापार कर रहे है। ऐसे में ये लोग न केवल कन्टेनमेंट जोन के नियमो की अवहेलना कर रहे है बल्कि कोरोना को फ़ैलाने का भी काम कर रहे है। -व्यापारी भी नहीं कर रहे प्रशासन के आदेशों की पालना जिला प्रशाशन के द्वारा अनलॉक के तहत अपने प्रतिस्थान खोलने के लिए सुबह 9 से साय 7 बजे का समय निर्धारित किया गया है लेकिन नारनौल के कुछ व्यापारी जैसे आज़ाद चौक , नलापुर रोड , रेवाड़ी रोड, जमालपुर और गली मोहल्ले के व्यापारी प्रशासन के आदेशों की सरेआम अवहेलना कर रहे है। शहर में कई जगह सुबह 5 बजे ही दुकाने खुल जाती है और शाम को 9 बजे तक खुली रहती है। इतना ही प्रशासन के नियमानुसार रविवार को आवश्यक वस्तुओ के लिए कुछ आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को छूट दी गयी है। नारनौल में कुछ कुछ व्यापारी प्रशासन के इन आदेशों से भी ऊपर है। यह भी देखने में आया है कि रविवार को भी दुकाने खुली रखी जाती है। लापरवाही का आलम यह कि व्यापारियों को दुकानों में अपने तथा अपने स्टाफ की सुरक्षा के लिए मास्क और दस्ताने नही उपयोग में नही लाये जाते। स्नेटाईजर का उपयोग भी बहुत कम जगह होता है। वातानुकूलित दुकानों पर थर्मल स्कैनर सम्बन्धी और भीड़ एकत्रित न करने सहित अन्य हिदायते दी गयी है लेकिन व्यापारी इन नियमो की पालना करते नजर नहीं आ रहे। निजी हस्पतालो, बैकों और सरकारी दफ्तरों में भी उड़ रही नियमो की धज्जिया वही दूसरी तरह शहर के कई निजी हस्पताल, बैठकों सहित सरकारी कार्यालयों में भी नियमो की सरेआम धज्जिया उड़ाते लोग देखे जा सकते है । नारनौल के कई निजी चिकत्सालयों के देखा जा सकता है की न तो सोशल डिस्टेंस की पालना हो रही है और ना ही अन्य नियमो की। ऐसा ही हाल कुछ सरकारी दफ्तरों , ईसीएचएस हस्पताल, फौजी कैंटीन इत्यादि का भी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की ऐसे में जब जिले में कोरोना चैन सिस्टम से फैलने लगा है तो ऐसी ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके में इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। -ऐसे में सवाल जिला प्रशासन की कार्यवाही पर उठते है ? आखिर जब सरकार और जिला प्रशासन ने नियम बनाये है तो उनकी पालना करवाएगा कौन? क्योंकि जहां शहर में पुलिस चौकी और थाने के पास के एरिया में खुले आम निर्धारित समय से पहले और समय के बाद एवं रविवार को बेरोकटोक दुकाने खुली रहती है तो उन पर कार्यवाही कौन करेगा। -सन्देश अब सवाल यह है कि सरकार की कोशिशों में जनता अपना कम सहयोग क्यों दे रही है? क्या लोगों को कोरोना का डर नहीं? क्या उन्हें अपने किसी प्रिय की जान जाने का इंतजार है? कोरोना को खुद अपने घर बुलाना, आप लोगों के जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी। बेहतर होगा कि ऐसा ना करें। ऐसा करने से जो कष्ट, परेशानी और दुःख आपके परिवार, परिजन, मित्र, सगे सम्बन्धियों को होगा, वह और किसी को नहीं होगा। सामाजिक, आर्थिक और मानसिक परेशानी से बचने के लिए खुद को कोरोना से बचाए। आप बचेंगे तो एक परिवार, समाज और देश बचेगा। सुरक्षित रहे, अपने परिजनों को घर पर रहने के लिए पाबन्द करें। जिंदा रहेंगे तो बार – बार मिलेंगे , वर्ना ट्रक के पीछे लिखी लाइन तो आपको याद होंगी। Post navigation अज्ञात कारणों के चलते एक युवक ने लगाई फांसी, मौत ऑन लाइन राष्ट्रीय कवि-संगोष्ठी ‘एक शाम-वतन के नाम’ का आयोजन