5000 फाइन नही भरने वाले स्कूलों के बच्चों का रोका परिणाम

भिवानी/शशी/मुकेश

 बीती रात स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित हुए दसवीं कक्षा के परिणाम में अपनी छवि के अनुसार ही शिक्षा बोर्ड ने बच्चों के साथ छत्तीस का आंकड़ा जारी रखा है। कोरोना महामारी के समय जहां बच्चे बोर्ड से कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे वहीं बोर्ड ने हज़ारों छात्रों को झटका देते हुए बड़ी संख्या में फेल कर दिया है। साथ ही, बोर्ड द्वारा माफ किया गया 5000 रुपये का जुर्माना नहीं भरने वाले स्कूलों के छात्रों का परिणाम भी बोर्ड ने रोक लिया। लेकिन एसोसिएशन के बढ़ते दबाव को देखते हुए बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी करने की घोषणा कर दी।

भिवानी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के विरोध के बाद शिक्षा बोर्ड ने देर शाम को उन स्कूलों के रिजल्ट भी घोषित कर दिए, जिन स्कूलों ने पांच हजार रुपये फाइन नही भरा था और बोर्ड ने शुक्रवार को उनका रिजल्ट ये कहते हुए रोक लिया था कि फाइन भरने के बाद ही रिजल्ट घोषित होगा।

एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार शर्मा ने बताया कि हरियाणा बोर्ड में कोई काम बिना विवाद के हो जाये ऐसा सम्भव ही नहीं है। अपनी छात्र विरोधी छवि को बरकरार रखते हुए बोर्ड ने दसवीं के शिक्षा परिणाम घोषित करने के साथ ही एक और नया कारनामा कर दिया। शर्मा ने बताया कि बोर्ड ने हज़ारों की संख्या में ऐसे बच्चों को फेल कर दिया है, जिस विषय की परीक्षा बच्चों ने नहीं दी थी या जो उनके विषय वैकल्पिक हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहाँ बोर्ड को बच्चों की मदद करनी चाहिए थी, वहीं बोर्ड ने ठीक इसका उल्टा करत्ते हुए इन्हें मानसिक प्रतडऩा का शिकार बना दिया।

यदि कोई समाधान नहीं हुआ तो एसोसिएशन शिक्षा बोर्ड को हाई कोर्ट लेकर जायेगा।

error: Content is protected !!