-डीसी के दिशा निर्देश पर चलाया गया ‘बेयर फुट’ अभियान, रात भर मौके पर डटे रहे एसडीएम– 70 फीसदी का खात्मा- शेष का वापस राजस्थान में प्रवेश अशोक कुमार कौशिक नारनौल । जिला में छठी बार टिडी दल का हमला हुआ। इस बार भी जिला प्रशासन व किसानों की सतर्कता के कारण फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ। टिडीयों को मारने के लिए रात भर चलाए गए ‘बेयर फुट’ अभियान में 70 फीसदी से अधिक टिडीयों का खात्मा कर दिया गया। देर रात तक उपायुक्त आरके सिंह अधिकारियों को व्हाट्सएप के माध्यम से दिशा निर्देश देते रहे। वहीं फील्ड में महेंद्रगढ़ के एसडीएम विश्राम कुमार मीणा ने अधिकारियों व किसानों के बीच रहकर रातभर इस अभियान को लीड किया। शुक्रवार को सायं लगभग 4 बजे राजस्थान की ओर से 4 किलोमीटर लंबा व 1.5 किलोमीटर चौड़ाई में उड़ रहा यह टिडी दल सतनाली में प्रवेश कर गया। इसके बाद यह राठीवास होते हुए कुराहवटा पालड़ी पनिहारी पाली आदि गांवों में पहुंच गया। शाम लगभग 5.30 बजे किसानों ने काफी संख्या में डीजे साउंड सिस्टम का इंतजाम किया हुआ था लेकिन अचानक बूंदाबांदी होने के कारण टिडीयों के पंख गीले हो गए और वे इन्हीं गांव में रुक गई। अगर बारिश नहीं होती तो यह दल चरखी दादरी जिले में प्रवेश कर जाता। इस संबंध में चरखी दादरी जिले के अधिकारियों को भी पहले ही अलर्ट कर दिया गया था। ज्यादातर टिडीयां पालड़ी पनिहारी की बनी में बड़े पेड़ों पर रुकी हुई थी। इसी दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी अपनी पूरी तैयारियां की हुई थी। पहले से ही कृषि विभाग के पास इन गांवों के ऐसे किसानों की सूची थी जिनके पास ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन थी। ऐसे 35 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे मशीन को 6 बजे मौके पर बुलाया गया तथा उनमें दवाई व पानी डालने का काम शुरू किया गया। वहीं नगर परिषद व नगर पालिकाओं की 11 फायर ब्रिगेड गाड़ियां भी मौके पर पहुंच चुकी थी। इनमें भी शाम 6 बजे से ही दवाई व पानी का मिश्रण करने का काम शुरू किया गया। एसडीएम विश्राम कुमार मीणा ने आसपास के किसानों व मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों के साथ अभियान शुरू करने की रणनीति बनाई। इसके बाद ठीक रात 11 बजे दवाई छिड़कने का अभियान शुरू किया गया। इसके बाद 2 बजे इस अभियान को रोकना पड़ा। इस वक्त तेज हवा शुरू हो गई जिसके कारण छिड़काव के कार्य में बाधा आ रही थी। सुबह 4 बजे फिर से अभियान शुरू किया गया जो लगभग 6 बजे तक जारी रहा। रात भर चले इस अभियान के दौरान यहां पर लगभग 70 फीसदी टिडी का खात्मा हो चुका था। फिलहाल शेष बचा टिडी का दल वापिस सुरहेती जाखल होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर गया। -सभी ने अच्छा रोल अदा किया : विश्राम इस अभियान को लीड कर रहे महेंद्रगढ़ के एसडीएम विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि इस अभियान में कृषि विभाग के अधिकारियों का अहम रोल होता है। सभी विभाग के अधिकारियों ने पूरी मेहनत के साथ कार्य किया है। इसके अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों ने भी इसमें अपना अहम योगदान दिया है। बीडीपीओ सहित कई अन्य अधिकारी के अलावा पटवारियों व ग्राम सचिवों ने भी इस अभियान में अपना योगदान दिया है। पूरे अभियान के दौरान यहां के सभी सरपंच किसानों के साथ रात भर इसी काम में लगे रहे। -अभी खतरा टला नहीं है : डॉ जसविंदर सिंह सैनी कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि टिडीयों का दल अभी और भी आ सकता है इसलिए किसानों को सतर्क रहना होगा। उन्होंने बताया कि विभाग के पास जिले के हर गांव के किसानों का व्हाट्सएप ग्रुप है जिसके माध्यम से वे लगातार किसानों को पल-पल की जानकारी साझा कर रहे हैं ताकि किसान अपने स्तर पर भी शोर आदि करके उन्हें अपने खेतों में ना बैठने दें। इसके अलावा कृषि विभाग के अधिकारी खुद किसानों को फोन करके इस संबंध में जानकारी दे रहे हैं। -जिला में पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध : डॉ हरपाल सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ हरपाल सिंह यादव ने बताया कि जिला में पर्याप्त मात्रा में क्लोरपायरीफॉस दवाई उपलब्ध है। दवाई मिश्रण से लेकर छिड़काव तक का हर कार्य बहुत ही ऐतिहात के साथ किया जा रहा है। इसमें बहुत सी सावधानी बरतनी होती हैं। ऐसे में जब भी बड़े स्तर पर स्प्रे का काम किया जाता है तो कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में ही दवाई का मिश्रण करके काम शुरू होता है। यहां इन गांव में भी 6 बजे से ही मिश्रण का कार्य शुरू कर दिया गया था तथा लगभग 4 घंटे में सभी स्प्रे मशीन तैयार कर दी गई थी। Post navigation जिला महेंद्रगढ़ के गांव खेड़ी-कांटी में जमीन फटी, आई लम्बी दरार बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों की क्रमिक भूख हड़ताल 27 वें दिन भी जारी