रेवाड़ी के रहने वाले साकेत धींगडा ने सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी की हरियाणा में कुल शिक्षकों के पद कितने है और किस विषय के कितने पद सेंक्शन है और कितने खाली पड़े हुए है.

रेवाड़ी. हरियाणा में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाये जाने का अबतक की तमाम सरकारें बड़े-बड़े दावे करती आई हैं. लेकिन हकीकत ये है की सरकारी स्कूल शिक्षकों को कमी से जूझ रहे हैं. एक आरटीआई से मिली जानकारी में सामने आया है कि प्रदेश में शिक्षकों के कुल 127794 पद है. जिनमें से 31232 पद खाली पड़े हुए है. जबकि 12144 पदों को अस्थाई शिक्षकों को नियुक्त करके भरा गया है. ऐसे में आप समझ सकते है की बिना गुरु कैसा ज्ञान और कैसा बच्चों का भविष्य होने वाला है.

दरअसल, रेवाड़ी के रहने वाले साकेत धींगडा ने सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी की हरियाणा में कुल शिक्षकों के पद कितने है और किस विषय के कितने पद सेंक्शन है और कितने खाली पड़े हुए है. जिसके जवाब में आये आंकड़ों ने हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को पोल खोल दी है.

साकेत का कहना है की एचटेट करने वाले लोगों की संख्या हरियाणा में काफी ज्यादा है और एचटेट क्लियर करने के बाद उनकी समय अवधि पूरी होने वाली है, लेकिन हरियाणा सरकार खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षकों की भर्ती नहीं निकाल रही है. फिलहाल सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों को कमी है जिसका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है.

ये है स्थिति

टोटल पोस्ट- 127794,  रिक्त- 31232 ,  अस्थाई- 12144, रेगुलर- 84447
जेबीटी- 41261 , रेगुलर- 29608 , अस्थाई- 6031 , रिक्त- 5647

हेडमास्टर और प्रिंसिपल के पद भी पड़ें हैं खाली

प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में हैड मास्टर/प्रिंसिपल के पद भी बड़ी संख्या में खाली पड़े हुए है. सीनियर सेकंडरी स्कूलों में 1143 पद सेंक्शन है और महज 313 पद ही भरे हुए है जबकि 831 खाली पड़े हुए है. टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों में गणित के करीबन 8100 चाहिए,  2800  खाली है. अंग्रेजी के  करीबन 6700  चाहिए  , लेकिन 1400 पद खाली हैं. फिजिक्स के 1895 चाहिए , 700 पद खाली है.पीजीटी फिजिकल के 685 टीचर चाहिए, लेकिन 487 पद खाली है. वहीं  पीजीटी संस्कृत के 2769 टीचर चाहिए  और 1318 पद खाली है. वहीं इकोनोमिक्स 1982 चाहिए और 420 खाली. कॉमर्स में 1287 चाहिए ,  277 खाली.कम्प्यूटर साइंस में 1966 चाहिए और 1629 खाली पद पड़े हुए हैं.

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