प्रकृति के संतुलन और जीवन के लिए जरूरी हरियाली. श्रावण माह मानसून के दौरान लगाएं अधिकाधिक पौधे ब्यूरो संवादगुरुग्राम। खुशहाली का आधार ही हरियाली है। हरियाली ब्रह्मांड में प्रकृति का दिया हुआ अनमोल तोहफा है । हरियाली की कीमत और इसका प्रकृति के संचालन सहित जीवन में जरूरत को समझना बहुत जरूरी है । वैसे भी जहां कहीं हरियाली दिखाई दे ,किसी का भी मन प्रफुल्लित हो जाता है । यही हरियाली की सबसे बड़ी खूबी और प्रकृति का तोहफा है । यह बात श्रावण माह के दौरान काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी ने पौधारोपण का शुभारंभ करते हुए कही । इस मौके पर निजी सचिव ब्रिज भूषण दास , श्रीराम अकादमी रामनगर के निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह अन्य लोगों के द्वारा भी पौधारोपण किया गया। शंकराचार्य नरेंद्रानंद जी ने कहा कि पेड़ पौधों के बिना हरियाली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पेड़-पौधे हरियाली का एक सामान अथवा माध्यम नहीं है , वास्तव में यह प्राणवायु का स्रोत है । पेड़-पौधे हरियाली से ब्रह्मांड में सभी जीवो को जीने के लिए ऑक्सीजन प्राप्त होती है । ऑक्सीजन के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है । उन्होंने आह्वान किया कि कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी को देखते हुए आज सबसे अधिक जरूरत औषधीय पौधारोपण किए जाने की है । पौधे लगाकर ही अपना फर्ज पूरा ना करें, बलिक लगाए गए पौधे के वृक्ष बनने तक उसकी देखभाल का हमें संकल्प भी लेना होगा। उन्होंने कहा एक वृक्ष से मिलने वाली ऑक्सीजन की कीमत का आकलन नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी एक वृक्ष अनेक जीवो के जीवन का भी महत्वपूर्ण आधार है । अनेकानेक पक्षियों को पेड़ों पर आश्रय प्राप्त होता है । विभिन्न किस्मों के वृक्ष-पेड़ों पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के फलों को खा कर पक्षी और परिंदे अपना पेट भरते हैं । उन्होंने कहा कि जितना अधिक पृथ्वी पर वृक्ष होंगे , हरियाली होगी, यह मानकर हम लोगों को चलना चाहिए कि किसी भी प्रकार की महामारी को रोकने में इनका उतना ही बड़ा योगदान रहेगा । ऑक्सीजन मानव शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक रहती है । प्रत्येक व्यक्ति कों जीवन में त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिये। तुलसी के अधिकाधिक पौधे यथा संभव घर और किसी भी धार्मिक स्थल के परिसर में लगाये। औसतन आकार वाला तुलसी का पौधा अपने आस-पास के सात किलो मीटर के दायरे को प्रदूषण मुक्त करने की क्षमता भी रखता है। Post navigation गुरूग्राम जिले के दो गांवों में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण के लिए मंजूरी : मुख्यमंत्री कौन बनेगा मार्केट कमेटी चेयरमैन : राव इंद्रजीत और जरावता के बीच होगा पहला राजनीतिक परीक्षण