हांसी  ,7 जुलाई । मनमोहन शर्मा 

  आम आदमी स्वाभिमान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश रोहिल्ला ‘संकल्प‘ ने कहा कि कोरोना महामारी से सबसे अधिक अगर देश का कोई सिस्टम प्रभावित हुआ है तो वह प्राईवेट शैक्षणिक संस्थान है।  जिस पर 22 मार्च से सतत् तालाबन्दी है और अगस्त 2020 तक की तालाबन्दी के आदेश सरकार द्वारा जारी है।  चाहे वो विद्यालय कोचिंग अकादमी, कम्प्यूटर सैन्टर, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय हो चाहे वह शहरी क्षेत्र का हो या ग्रामीण आंचल का।  आर्थिक तंगी की मार को बूरी तरह से यह वर्ग झेल रहा है।  कोरोना महामारी के साईड इफैक्ट आने शुरू हो गये है।

 राजस्थान व मध्य प्रदेश में आर्थिक बदहाली के कारण स्कूल संचालक खुदकुशी कर चुके है। शैक्षणिक जगत जो राष्ट्र निर्माण में अहम् भूमिका अदा करता रहा है पहली बार देश की आजादी के बाद भारत सरकार व राज्य सरकारों से सहयोग का आह्वान करता है।  शिक्षक, शिक्षा जो समाज की रीढ़ की हड्डी है उसे इस मुश्किल की घड़ी में सरकारों द्वारा सम्बल दिया जाये। मुसीबत की घड़ी में जैसे केन्द्र व राज्य सरकारें किसानो का करोड़ो रूपयों का कर्ज, बिजली बिल, हाउस टैक्स माफ कर देती है आज प्राईवेट शैक्षणिक जगत को स्वाभिमान से अपना अस्तित्व कायम रखने के लिए बड़े राहत पैकेज की व्यवस्था की जाये ताकि स्वाभिमान के साथ ये संस्थान राष्ट्र निर्माण में अपने कर्त्तव्य का निवर्हन सतत् रूप से करते रहे।  आज 80 प्रतिशत से अधिक संस्थान आर्थिक तंगी व भारी कर्ज के कारण खस्ता हालत में है।  शैक्षणिक व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कम से कम 5 लाख करोड़ रूपयो का आर्थिक पैकेज प्राईवेट शिक्षण संस्थानो को दिया जावे जो 0 प्रतिशत ब्याज पर या कम से कम ब्याज पर 5 वर्ष के लिए 
उपलब्ध करवाया जावे।

  इस संदर्भ में ज्ञापन भारत के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, वित्तमन्त्री, मानव संसाधन विकास मन्त्री, कैबिनेट सचिव व मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को प्रेषित किया गया है। 

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