कैथल जिले के गांव सांघन स्थित डेरे के महंत रामभज दास की हत्या के मामले में कैथल पुलिस ने चौंकाने वाले तथ्य पेश किए हैं.

कैथल. अक्सर बोला जाता है कि साधु-संन्यासी के लिए मोह-माया सब पीछे छूट जाता है. लेकिन, अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह इसके बिल्कुल उलट है. जी हां! यहां एक साधु ही गद्दी हथियाने के चक्कर में किसी दूसरे साधु की हत्या की सुपारी देता है, लेकिन दुर्भाग्य से वही गद्दी का मोह उसी की जान पर भारी पड़ जाता है.

दरअसल, यहां मामला है एक साधु रामभज दास की हत्या का. साधु रामभज दास की हत्या भी वही लोग करते हैं, जिनको उसने किसी दूसरे महंत को मारने के लिए सुपारी दी थी. लेकिन, वही सुपारी किलर रामभज दास के ही गले की फांस बन गया और साधु रामभज दास की ही हत्या कर दी.

गत 24 जून की रात्रि को हुई गांव सांघन स्थित डेरे के महंत रामभज दास की हत्या के मामले में कैथल पुलिस ने चौंकाने वाले तथ्य पेश किए हैं. एसपी शशांक कुमार सावन ने इस हत्या के संदर्भ में एक प्रेसवार्ता की. जिसमें उन्होंने 2 हत्या की वारदात में शामिल 3 अन्य युवकों को गिरफ्तारी दिखाई हुए बताया कि इन लोगों ने हत्यारोपियों की मदद की.

एसपी ने बताया कि महंत रामभज दास की हत्या अपने ही बुने गए जाल के कारण हुई है. महंत रामभज दास की नजर कैथल स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर की गद्दी पर थी. इस मंदिर की प्रॉपर्टी करीब 70-80 करोड़ रुपए बताई गई है. इस हनुमान मंदिर के महंत राघव दास शास्त्री की आयु करीब 98 वर्ष है. महंत रामभज दास इस गद्दी पर बैठना चाहता था, लेकिन उससे पहले इस गद्दी पर बैठने के ज्यादा उम्मीद महंत छविराम दास की थी, क्योंकि वह यहां पर अक्सर आता-जाता था.

गद्दी पर बैठने के लिए महंत रामभज दास ने एक षडय़ंत्र रचा, जिसमें उसने महंत राघव दास शास्त्री की हत्या की सुपारी 5 लाख रुपए में अजय मेहरा के माध्यम से सोनीपत के कुछ बदमाशों को दे दी. एडवांस के तौर पर बाबा पहले ही 50 हजार रुपए गुंडों को दे चुका था. रामभज दास का प्लान था कि महंत राघव दास शास्त्री की हत्या के बाद, हत्या का आरोप छविराम दास पर लगा देंगे और उसके बाद उसका प्राचीन हनुमान मंदिर में गद्दी पर बैठने का रास्ता साफ हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

गत 24 जून को जब रामभज दास कुलबीर के साथ अजय मेहरा व बदमाशों से मिलने के लिए कलायत के पास गया तो वहां उनके बीच और एडवांस पैसों को लेकर विवाद हो गया. इसके बाद बदमाशों ने लाठी-डंडों से ही रामभज दास की हत्या कर दी और वे मौके से फरार हो गए.

इसके बाद गांव के लोगों ने महंत रामभज के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर कैथल व गांव सांघन में जाम भी लगाया था. जाम लगाने के आरोप में भी पुलिस ने दर्जनों लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. अब पुलिस को इस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अजय मेहरा निवासी कैथल, रोहित, मयंक व आशीष (निवासी सोनीपत) की तलाश है. इन आरोपियों पर पहले ही लूट, लूट का प्रयास व हत्या के प्रयास सहित कई संघीन मामले दर्ज हैं और सोनीपत पुलिस को भी इनकी तलाश है.