पुन्हाना, कृष्ण आर्य

पुन्हाना क्षेत्र में बनी हुई माईनरों (छोटी नहर) में वर्षों से पानी नहीं आया है। जिससे क्षेत्र के किसानों को किसानी करने के लिए भूमिगत खारे पानी पर ही निर्भर रहना पड रहा है। वहीं इसमे जहां किसानों को खेतों की सिंचाई करने में लागत काफी अधिक आती है वहीं खारे पानी से फसल भी कम हो पाती है। जिससे क्षेत्र के किसान काफी परेशानी हैं।

क्षेत्रवासी पूर्व सरपंच धूपखां, खुर्शीद , समसू, अर्जुन, पंकज, सद्दीक सहित किसानों ने बताया कि उनके गांवों से लगते हुए गंगवानी माईनर निकल रही है। जो वाजीद से ख्वाजलीका, सटकपुरी, मोहम्मदपुर, रहपुआ, तेड होते हुए पिनगवां तक बनी हुई है। माईनर बनने के बाद पानी जरूर आया था, लेकिन करीब 4 वर्षों से माईनर में पानी नहीं देखा है। जिससे खेतों की सिंचाई के लिए नहरी पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं भूमिगत जल भी बेहद नीचे जा चुका है। पानी के लिए प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च कर बोर कराना पडता है। खारा पानी होने से  वहीं सब्जी की खेती भी नहीं हो पाती है। नहरी पानी न मिलने से मात्र गेंहू, सरसों व बाजरे की ही फसल हो पाती है। वहीं उत्पादन कम हो पाने के साथ ही लागत भी ज्यादा आती है।

उनका कहना है कि प्रशासन व सरकार द्वारा माईनरों की सफाई कराने के नाम पर लाखों रुपये भी खर्च किए गए, लेकिन इसके बाद भी फसली समस में भी माईनर केवल उपले थापने के ही काम आ पाई है। उनका कहना है कि माईनर में नहरी पानी न आने से किसानी करने में काफी परेशानी हो रही है। किसानों के हितों का देखते हुए इनमे पानी डलवाया जाए, ताकि इसका किसानों को फायदा होने के साथ ही माईनरों का अस्तित्व भी बचा रहे।

किसानों को हो रही समस्या को देखते हुए जल्द ही माईनर में पानी छोडक़र समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
लखन सिंह, एसडीओ सिंचाई विभाग नूंह।

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