सन्तोष सैनीझज्जर। शाओमी, ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन्स पहले की तरह काम करते रहेंगे और चाइनीज ऐप्स बैन किए जाने का इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार की ओर से बीते सोमवार 59 चाइनीज ऐप्स को भारत में बैन कर दिया गया है और माना जा रहा है कि इसका असर स्मार्टफोन मेकर्स पर भी पड़ेगा क्योंकि इन कंपनियों का भारत और चीन दोनों देशों में बड़ा मार्केट शेयर है। शाओमी के दो ऐप भी बैन ऐप्स की लिस्ट में शामिल हैं। चीन और भारत के बीच सीमा पर देखने को मिले तनाव के बाद से ही चाइनीज प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की मांग बार-बार उठाई जा रही है। सरकार की ओर से टिकटोक, कैम स्कैनर और यूसी बरोसर जैसे ऐप्स बैन किए जाने का असर कुछ बायर्स पर भी पड़ेगा, जो कम बजट होने के चलते अब तक चाइनीज डिवाइसेज खरीद रहे थे। यहां तक कि कई टिकटोक यूजर्स ने चाइनीज फोन्स इसीलिए खरीदे क्योंकि उनमें अच्छे वीडियो बनाने से जुड़े फीचर्स मिलते हैं। डिवाइस पर कोई असर नहीं भले ही सरकार के ऐप बैन से जुड़े फैसले से स्मार्टफोन कंपनियों को कुछ वक्त के लिए सेल्स में असर देखने को मिले लेकिन ज्यादातर राइवल कंपनियां भी मानती हैं कि उनके कंपोनेंट्स चीन से आते हैं। मौजूदा चाइनीज फोन्स पर ऐसे बैन का कोई असर नहीं पड़ेगा और वे पहले की तरह काम करते रहेंगे। फोन मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि इसका असर डिवाइस की फंक्शनैलिटी पर नहीं पड़ेगा और कस्टमर्स नए ऐप्स पर आसानी से स्विच कर सकते हैं। नहीं मिलेंगे प्रीइंस्टॉल्ड ऐप्स काऊंटरपॉइंट के रिसर्च डायरेक्टर नील शाह ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं इसके बाद एक नेगेटिव सेटिंमेंट तो मार्केट में बनेगा ही और लोग चाइनीज प्रोडक्ट खरीदने से पहले सोचेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान सैमसंग और ऐपल जैसे नॉन-चाइनीज ब्रैंड्स को पहले से ज्यादा डिमांड देखने को मिल सकती है। इसके अलावा चाइनीज फोन्स में कई ऐप्स प्री-इंस्टॉल्ड मिलते थे और अब इस ट्रेंड को भी खत्म किया जाएगा। Post navigation पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल के ईलाज में कोताही, सीएमओ निलंबित भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ली कांग्रेस विधायक दल की बैठक