कमलेश भारतीय

जब से भाजपा सत्ता में आई है तब से दलबदल के खेल को खूब प्रोत्साहन मिला है । फिर चाहे कोई भी राज्य क्यों न हो । चाहे राज्यसभा चुनाव हों या विधानसभा चुनाव । इस दलबदल के बिना कोई चुनाव संपन्न नहीं होता । ऐसा लगता है कि दलबदल के खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दे दिया जाना चाहिए । क्रिकेट या हाॅकी के खेल से कहीं ज्यादा मजेदार , किसी भी रोमांचक फिल्म से ज्यादा रोमांचक और रहस्यमयी खेल की जितनी तारीफ की जाये कम है । कितने होटल , रिसोर्ट्स में शूटिंग । चाहे कोरोना काल हो या बिना कोरोना राजनीति का यही है सबसे रहस्यमयी कोना ।

धन्य हैं वे विधायक जो बिक जाते हैं और बिछ जाते हैं ऑफर्ज के आगे । अब एक बहुत मजेदार खबर आई है कि कर्नाटक के एक सत्तर वर्षीय पूर्व विधायक विश्वनाथ एक किताब लिखने जा रहें हैं जिसका नाम होगा -बाम्बे डेज जो इस दलबदल के खेल ऑपरेशन कमल के रहस्य की परतें खोलेगी । ये जेडीएस के पूर्व विधायक हैं , जिन्होंने कांग्रेस व जेडीएस की सरकार गिराने में ऑपरेशन कमल का साथ दिया था । बाद में वे पुनः हुए चुनाव में हार गये और फिर उन्हें राज्य विधान परिषद के लिए भी नामित नहीं किया गया यानी वे राजनीति में कहीं के नहीं रहे । इसलिए वे भाजपा से नाराज़ होकर बाम्बे डेज को किताब के रूप में लिखने जा रहे हैं । पहले तो आप बिके खुशी खुशी । फिर भाजपा की टिकट पर उप चुनाव में जनता ने आपको सबक सिखाया दलबदल का । बाद में भाजपा से उम्मीद कि एक हारे और पिटे मोहरे को राज्य विधान परिषद् के लिए नामित करे जोकि भाजपा ने नहीं किया । यानी भाजपा ने जीतने वाले घोड़ों पर ही दांव लगाया तो कैसी नाराजगी विश्वनाथ जी ?

आप अपने काम के यानी दलबदलने के दाम ले चुके ठोक बजा कर । अब क्यों किसी ऐसे लेखक की तरह फिल्मी प्रोड्यूसर से और पैसे मांग रहे जबकि आप अपने अधिकार के पैसे पहले ही ले चुके थे । याद कीजिए थ्री ईडियट्स फिल्म का विवाद । प्रोड्यूसर ने कहा कि हमने आइडिया के पैसे दे दिए थे । अब फिल्म हिट होने पर और पैसे की मांग क्यों ? फिल्म पिट जाती तो क्या आप पैसे लौटा देते ? वही हाल राजस्थान में हुआ । राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने ऑपरेशन चलाया लेकिन जीत नहीं मिली तो क्या कांग्रेस विधायकों ने पैसे लौटाये जोकि ऐसे दलबदल कानून के खेल में करतब दिखाने वाले थे ? नहीं न । विश्वनाथ जी पहले आप बिके क्यों ? जनता का विश्वास क्यों तोड़ा? आप जनता की सेवा के लिए चुने गये थे न कि दलबदल के खेल दिखाने के लिए । चलो । अब लगता है कि आपको किताब लिखने से रोकने या रिलीज रोकने के लिए पैसे मिल जायें?

अभी मध्यप्रदेश में भी सरकार गिराने में कांग्रेस विधायकों ने ऑपरेशन कमल का साथ दिया । उनमें से सबको उप चुनाव में टिकट नहीं मिले । बाकी सब जीते कि नहीं या पहले की तरह विधायक भी नहीं बन पाये । वह ठाठ नहीं रहे । अभी मणिपुर में भाजपा को फिर ऑपरेशन कमल चलाना पड़ा । मुश्किल से सरकार बचाई । पर सभी लोग अगर किताब लिखने लगे फिर यह दलबदल का खेल पूरी तरह उजागर हो जायेगा । चलिए इंतजार करते हैं -बाम्बे डेज की ।

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