चंडीगढ़,30 जून। आंदोलन को रोकने की मंशा से नेशनल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) में कार्यरत 14 हजार कर्मियों के अनुबंध नवीनीकरण में अनावश्यक शर्त जोड़ने का मामला तूल पकड़ गया है। इन 14 हजार एनआरएचएम कोरोना योद्वाओं ने लगाई गई शर्तो के गैर जरूरी बताते हुए इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि 30 जून को एनएचएम में लगे डाक्टरों, नर्सों,एएनएम व अन्य पदों पर लगे करीब 14 हजार कर्मचारियों का अनुबंध खत्म हो रहा है। अनुबंध नवीनीकरण के लिए तैयार किया गए कांट्रेक्ट लेटर में अनावश्यक और अत्यंत कठिन शर्तो को जोड़ने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया है। एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रिहान रजा ने आंदोलन को रोकने के लिए लगाई गई इन शर्तों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए अनुबंध पत्र का बहिष्कार करने की घोषणा की है। संघ की धोषणा पर अमल करते हुए अंतिम तारीख होने के बावजूद किसी भी कर्मचारी ने सोमवार को एग्रीमेंट लेटर नहीं भरा। उन्होंने सरकार व विभाग से बिना शर्त अनुबंध का नवीनीकरण करने की मांग की। उन्होंने बताया कि अगर सरकार व विभाग ने 2 जून तक बिना शर्त अनुबंध नवीनीकरण नहीं किया तो 3 जुलाई को सभी जीएच में एनएचएम कर्मचारी प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने अनुबंध नवीनीकरण में बेंचमार्क व एग्रीमेंट के नाम पर लगाई गई शर्तों की घोर निन्दा की है और कोविड 19 में बिना शर्त अनुबंध नवीनीकरण करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग कोविड 19 के खिलाफ जंग लड़ने की बजाय इसकी आड़ में एनएचएम कर्मचारियों पर शर्ते लगाकर उन्हें उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करना चाहता है। जिसको किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बड़े दुुख का विषय है कि आज सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले कर्मचारियों को कोरोना और सरकार दोनों से लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। Post navigation शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 32000 कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर प्रदेश के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी केपी सिंह और केके मिश्रा हुए सेवानिवृत्त