संस्कार किसी दुकान पर नहीं मिलता कि खरीद कर लाए और अपना ले: माई जी महाराज

भिवानी/मुकेश वत्स।

 मां कामाख्या की अद्भुत कृपा से छोटी काशी भिवानी में भारत माता सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा कुसमेश्वर माहदेव मंदिर में गुप्त नवरात्रि के उपलक्ष में चल रहे 10 महाविद्या यज्ञ के आठवें दिन मां बंगलामुखी की विशेष पूजा पाठ अर्चना की गई। मंदिर के महंत आचार्य माई जी महाराज ने बताया देवी के दस महाविद्या स्वरुप में से एक स्वरुप मां बगलामुखी का है। इन्हें पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। ये स्वयं पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है। इनको स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है। महंत माई जी ने बताया देवी के इस स्वरूप की उपासना करने से गंभीर से गंभीर बीमारी और शत्रुओं का नाश होता है। माता बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।

महंत जी ने बताया संस्कार किसी दुकान पर नहीं मिलता कि मनुष्य मार्केट में जाए और खरीद कर लाए और अपना ले। संस्कार का मूल अर्थ है शुद्धिकरण। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिए संस्कारों का अविष्कार किया धार्मिक ही नहीं विज्ञानिक दृष्टि से भी इन संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

महंत जी ने बताया गुप्त नवरात्रि के उपलक्ष में चल रहे इस 10 महाविद्या यज्ञ का कल नौवीं के दिन समापन होगा। इस यज्ञ के मुख्य यजमान और पूर्ण आहुति देने के लिए आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार होंगे।

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