दिल्ली और तमिलनाडु की तरह प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की फीस भी की जाए तय- सांसद दीपेंद्र. 3 गुना बढ़ाई जाए टेस्ट की संख्या, एंटीजन रैपिट टेस्ट तकनीक का भी हो इस्तेमाल- सांसद दीपेंद्र. कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सरकार किश्तों की बजाए, एकमुश्त लागू करे सकारात्मक सुझाव- सांसद दीपेंद्र . कोरोना टेस्ट की फ़ीस आधी करने की मांग माने जाने पर सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दी प्रतिक्रिया. सरकार ने मानी टेस्टिंग फ़ीस 4500 से घटाकर 2400 रुपये करने की मांग, प्रदेशवासियों को मिली राहत

20 जून, चंडीगढ़ः प्रदेश सरकार की तरफ से कोरोना टेस्ट फ़ीस आधी करने की मांग माने जाने के बाद राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फ़ीस कम करने के क़दम को सही बताया है। साथ ही कहा है कि सरकार का फ़ैसला अभी अधूरा है। कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सरकार सकारात्मक सुझावों को किश्तों की बजाए एकमुश्त लागू करे। सांसद ने दोहराया है कि प्रदेश में जिस गति से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए दिल्ली की तर्ज पर यहां भी 3 गुणा टेस्टिंग करने की भी ज़रूरत है। प्रदेश सरकार को हर कंटेनमेंट और हॉट ज़ोन में रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा मुहैया करवानी चाहिए। इस तकनीक से 15-30 मिनट में टेस्ट की रिपोर्ट आ जाती है।

इतना ही नहीं सरकार को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की फ़ीस पर भी नकेल कसनी चाहिए। गुड़गांव और फरीदाबाद समेत कई जगहों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि प्राइवेट अस्पताल मरीज़ों को भारी भरकम बिल थमा रहे हैं। पहले से आर्थिक तंगी और बीमारी की मार झेल रहे लोगों के साथ ये बड़ी ज्यादती है। इसलिए सरकार को हरियाणा में भी दिल्ली की तरह फीस कैपिंग करनी चाहिए। दिल्ली में आईसोलेशन बेड के 8 हज़ार, बिना वेंटिलेटर के 13 हज़ार, ICU वेंटिलेटर के 15 हज़ार रुपये तय किए हैं। इनमें PPE किट की क़ीमत भी शामिल है। वहीं, तमिलनाडु में प्राइवेट अस्पताल के जनरल वार्ड में इलाज की अधिकतम साढ़े सात हज़ार और आईसीयू की 15 हज़ार रुपये फ़ीस तय की गई है।

लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों का मुद्दा उठा रहे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मांग की थी कि दिल्ली की तरह हरियाणा में भी कोरोना टेस्टिंग का रेट 4500 रुपये से घटाकर 2400 रुपये किया जाए। उन्होंने 16 जून को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मांग को ज़ोर-शोर से उठाया था। उसके बाद रेवाड़ी में 18 तारीख़ को पत्रकारों से बातचीत में भी उन्होंने अपनी इस मांग को दोहराया। आख़िरकार सरकार ने उनकी मांग को माना और प्रदेशवासियों को बड़ी राहत दी। राज्यसभा सांसद ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनके बाकी सकारात्मक सुझावों पर भी अमल करेगी।

आपको बता दें कि इससे पहले भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कई बार सरकार की नींद तोड़ने का काम किया है। वो लगातार सरकार को कोरोना के ख़तरे से आगाह कर रहे हैं और आमजन के मुद्दों को उठा रहे हैं। जब उन्होंने किसानों के ट्यूबवेल कनेक्शन का मुद्दा उठाया तो अगले ही दिन प्रदेश सरकार हरकत में आई और 4000 नए कनेक्शन देने का ऐलान किया। दीपेंद्र ने कमर्शियल वाहनों की पासिंग लेट होने पर जुर्माना लगाए जाने का भी विरोध किया था। उसे देखते हुए केंद्र सरकार ने जुर्माना लेने पर रोक लगाई और पासिंग की डेट आगे बढ़ाई। कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को बिना पेपर प्रमोट करने, सरकारी भर्तियों को रद्द करने, लटकी हुई भर्तियों के रिजल्ट ना निकालने, कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने और धान बुआई पर पाबंदी लगाने जैसे कई मुद्दों को दीपेंद्र हुड्डा ने पूरी ताक़त के साथ उठाया। सरकार के फ़ैसलों पर काफी हद तक उसका असर भी देखने को मिला। कई बार सरकार को अपने फ़ैसलों पर यू-टर्न तक लेना पड़ा।

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