-गुरुग्राम में निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों के उपचार के नाम पर वसूले जा रहे लाखों रुपए
-सरकार इस पर विशेष ध्यान देकर जनता को दे राहत

गुरुग्राम। कोरोना महामारी के दौर में निजी अस्पतालों द्वारा लोगों के उपचार के नाम पर खुली लूट की जा रही है। यह हाल तब है जब कि कोरोना का अभी तक कोई उपचार नहीं है। सरकार इस पर कड़ा संज्ञान ले और जनता को लुटने से बचाए। इसके साथ ही टेस्टिंग के रेट भी 2000 रुपए फिक्स किए जाएं। पूरे हरियाणा में एक समान कोरोना टेस्ट के रेट हों। यह मांग मानव आवाज संस्था ने प्रदेश सरकार से की है।

रोजाना कोरोना के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से लाखों रुपए ऐंठने की सूचनाओं पर मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन, प्रवक्ता बनवारी लाल सैनी और महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि यह समय मानवता की भलाई के लिए है। हर कोई एक-दूसरे की मदद कर रहा है। ऐसे में निजी अस्पताल लाखों रुपए कोरोना संक्रमितों का उपचार करने के नाम पर ले रहा है। कहीं 5 लाख तो कहीं 8 लाख रुपए कोरोना संक्रमितों से वसूले जा रहे हैं। जो कि गलत है। सरकार इस पर कड़ा संज्ञान ले। अस्पतालों के साथ-साथ कोरोना के सेंपल जांचने के रेट भी सरकार कम करे। हर कोई इस खर्च को वहन नहीं कर सकता। सरकार को पहले तो यही चाहिए कि सरकारी स्तर पर फ्री में ही अधिकतर टेस्ट करे। फिर भी प्राइवेट लैब की जरूरत है तो 2000 रुपए के रेट निश्चित किए जाएं। यह रेट पूरे हरियाणा में लागू हों। इससे गरीबों व मध्यवर्गीय लोगों को काफी राहत मिलेगी।

मानव आवाज संस्था ने सरकार से मांग की है कि निजी अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना संक्रमित मरीजों से उनके उपचार के खर्च का भी ब्यौरा लें। तभी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि अस्पतालों ने किस तरह से लूट मचा रखी है। मरीजों की कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है कि जिस दौर में पूरा देश समाजसेवा को निकला है, उस दौर में अस्पतालों की भूमिका सही नहीं है।
 

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