– सरकार का आभार व्यक्त करते हुए जिला उपायुक्त एवं उपमुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय अधीक्षक को सौंपा

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। हाल ही में सरकार ने जिला महेन्द्रगढ़ के जिला मुख्यालय नारनौल को जिला घोषित किए जाने की घोषणा की है। सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का सम्मान में भगवान परशुराम सेवा समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए शुक्रवार को जिला उपायुक्त एवं उपमुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला उपायुक्त कार्यालय में उनके अधीक्षक को सौंपा।

समिति जिला अध्यक्ष प्रभास छक्कड ने बताया कि नारनौल को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही जिले मेें इस कदम के विरोध में प्रदर्शन आदि करने भी शुरू हो गए हैं। इसलिए हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि हरियाणा राज्य की स्थापना से पूर्व पंजाब के समय में ही सन् 1956 में महेन्द्रगढ़ को जिला घोषित किया गया था और उस समय रेवाडी भी जिला महेन्द्रगढ़ में ही शामिल था। जो कि बाद में सन् 1989 में अलग जिला बना दिया गया। उस समय से ही नारनौल को जिला मुख्यालय बनाया हुआ है, क्योंकि नारनौल जिला महेन्द्रगढ़ के केन्द्र में स्थित है। सभी विभागों के कार्यालय, जिला न्यायालय एवं अधिकारीगण नारनौल में ही स्थापित हैं। पूरे जिले से लोगों को अपने कार्यों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने में नारनौल केन्द्र में स्थित है। पूरे जिले से कहीं से भी लोग अपने कार्यों के लिए 25 से 30 किलोमीटर के सफर में नारनौल पहुंच सकते हैं।

जिला महेन्द्रगढ़ का लगभग 65 से 70 प्रतिशत भाग नारनौल क्षेत्र में पडता है और क्षेत्रफल की दृष्टि से भी नारनौल पूरे जिले में सबसे अधिक विस्तृत है। जबकि महेन्द्रगढ़ को जिला मुख्यालय बनाए जाने से नारनौल से लगते हुए अटेली, नांगल चौधरी, निजामपुर व गोद बलाहा आदि क्षेत्र के अनेक गांवों के लोगों को अपने किसी भी कार्य हेतु नारनौल से लगभग दोगुना या उससे भी अधिक दूरी तय करनी पडेगी। इसके अलावा सभी कार्यालय व अधिकारीगण एवं न्यायालय जो कि इतने लम्बे समय से यहां स्थित हैं, उन्हे यहां से अन्य कहीं स्थापित करने में भी सरकार को भारी राजस्व का नुकसान होगा।

समिति के जिला प्रभारी एडवोकेट कृष्ण कुमार बोहरा ने नारनौल को जिला बनाए जाने के सरकार के सराहनीय कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इसे राजनीतिक मोड ना देते हुए जिले की जनता के हित को ध्यान में रखकर सोचना चाहिए और फिर भी यदि इसमें कोई परेशानी हो तो भिवानी व दादरी की तरह ही नारनौल एवं महेन्द्रगढ़ को दो अलग अलग जिले भी बनाए जा सकते हैं। इस अवसर पर एडवोकेट कृष्ण कुमार बोहरा, प्रभास छक्कड, मनोज निर्मल, योगेश शर्मा, सुशील चौटाला एवं पवन कौशिक आदि सदस्यगण उपस्थित थे।

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