चंडीगढ़,17 जून।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात एनएचएम कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करने और उनकी मांगों के प्रति घोर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया की मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र ट्विट कर कोविड 19 में फ्रंटलाइन में रहकर जंग लड़ रहे एनएचएम में लगे डाक्टरों, नर्सो व एएनएम सहित अन्य पदों पर लगे कर्मचारियों के साथ किए जा रहे भेदभाव को दूर करने और अन्य मांगों को समाधान करने की मांग की है।

उन्होंने बताया कि मनोहर लाल सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा की गई हड़ताल पीरियड को रेगुलराइज कर काटा गया वेतन का भुगतान कर दिया है। लेकिन सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन के बावजूद एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा कर्मियों  की मांगों को लेकर 5 दिसंबर, 2017 से 14 दिसंबर, 2017 (10 दिन ), 25-26 अक्टूबर, 2018 ( 2 दिन ) और 5 फरवरी, 2019 से 27 फरवरी, 2019 ( 23 दिन ) की प्रदेशव्यापी हड़ताल की गई थी। इन हड़तालों के बाद स्वास्थ्य मंत्री एवं विभाग के अधिकारियों के साथ विधिवत मीटिंग्स के बाद हड़तालें समाप्त की गई थी। जिसमें हड़ताल अवधि को ड्यूटी पीरियड मानकर वेतन का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अभी तक  35 दिन के हड़ताल पीरियड का कटौती किए गए वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं वर्षों से हजारों कर्मचारी ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रतिनियुक्तियों को स्थाई ट्रांसफर नहीं किया जा रहा है। कोविड 19 में डबल वेतन लेने से इंकार करने वाले फ्रंटलाइन योद्धा एनएचएम में लगे डाक्टरों, नर्सों, एएनएम अन्य पदों पर तैनात स्टाफ के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। जिसको लेकर एनएचएम स्टाफ में भारी रोष व्याप्त है।

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