क्राइम रिफाॅर्मर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. संदीप कटारिया ने बताया कि बेकुसरांे को जेल में डाला जाएगा और दगई प्रवचन देगा। जब इकनोमी धराशायी हो। कूटनीति में भारत पूरंी तरह से घिर गया हो। नेपाली सांसद ने जिन तीन क्षेत्रों को भारत अपनी जमीन का हिस्सा मानता है। उसे आधिकारिक तौर पर अपने राजनीतिक मानचित्र का हिस्सा मान लिया है। लिपुलेख, लिमपियाधूरा और काला पानी ये तमाम हिस्से आधिकारिक तौर पर अब नेपाल का हिस्सा हो गए हैं। 70 साल से हम जिस चीज की कल्पना नहीं कर सकते हैं वो चीज हो गई हैं। कम से कम 15 स्थानों पर नेपाल ने अपनी पुलिस को तैनात कर दिया है। वो नेपाल जिस पर हमारी गोरखा रेजमेंट आधारित थी। वो नेपाल जिसके कई नागरिक भारत में नौकरी कर रहे हैं। अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। वो नेपाल आज की तारीख में भारत को आँख दिखा रहा हैं।

2013 में तो हमने लाल आँख दिखाने की बात की थी। आज नेपाल हमको आंख दिखा रहा है। बहुत आसान हैं इसका दोष नेपाल पर मड़ना कि नेपाल पर हमला कर दो। मैं भी उन प्रोगाम पेश कर सकता हूं जिसमें कह सकता हूं कि देखिए भारत की सेना की ये ताकत है और नेपाल की सेना की ये ताकत है। मगर आप ये नहीं देख रहे हैं कि साल 2015 में जब आपने नेपाल के सामने इकनोमिक ब्लोकिट मतलब आर्थिक गति रोध के तहत उसे बांध दिया था। उसके बाद से लगातार नेपाल चीन की गोद में जाकर बैठ गया था। वो नेपाल जोकि एक हिंदू बहुल देश है। भारत के अलावा एकमात्र ऐसा देश जहां की अधिकतर आबादी हिंदू हैं। आज वो नेपाल चीन की गोद में जा बैठा है।

डाॅ. कटारिया ने कहा कि क्या ये सवाल इस सरकार ये किया जाना बाकी हैं। क्या ये सवाल इस सरकार से नहीं किया जाना चाहिए। कि आखिर नेपाल क्यांे चीन की गोद में जा बैठा अगर ये हकीकत हैं तो ऐसा तनाव तो पहले कभी नहीं हुआ ना। ऐसी दिक्कत तो कभी सामने उभरकर नहीं आई ना। मगर इस वक्त ऐसा क्यों हो रहा है। कभी आपने ये सवाल किया है। अब तक क्या हो रहा था देश की सियासत देश की कूटनीति को एक उग्रवादी छवी के आसपास गूंदा जा रहा था। आज हकीकत हमारे सामने हैं। आज हम सबको सवाल पूछना हैं कि आखिर क्या वजह है कि भारत और जो उसके पूरे पड़ोसी देश हैं उसमें भारत अकेला पड़ता जा रहा है। आखिर हममें क्या कमी रह गई हैं। बहुत आसान हैं पड़ोसी देश पर इसका दोष मड़ना वो तो तमाम न्यूज चैनल कर ही रहे हैं।

मगर मैं आपको दिग भ्रमित नहीं करने वाला हूं। मैं आपको गलत रास्ता नहीं दिखाउगा। मैं आपको जरूर बताना चाहूगा कि आज की तारीख में जो चीज 70 साल में नहीं हुई वो अब जाकर हो रही है। नेपाल पुलिस फायरिंग करती हैं जिसमें हमारा एक नागरिक मारा जाता है और अगले ही दिन वो अपनी सांसद में मानचित्र को पारित कर देते हैं। जिसमें भारतीय जमीन के उन हिस्सों को अब नेपाल की जमीन का हिस्सा बताया जा रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर कड़ी आपŸिा जाहिर की हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत ने अपनी तरफ से कड़े शब्दों की आलोचना की है। क्या भारत और नेपाल के बीच में तनाव चरम पर बढ़ जाएगा।

2013 में हमसे वादा किया गया था कि चीन को लाल आँख दिखाई। आज की तारीख में चीन में क्या हो रहा है आपने सवाल पूछा हैं। कर्नर अजय शुकला, लेफ्निेंट जनरल एचएच फनाग, जनरल हुड्डा आज ये तमाम चेहरे चीख-चीख कह रहे हैं। कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। मगर क्या इस देश में प्रतिक्रिया हुई है। नहीं हुई है। क्यों नहीं हुई मैं आपको बताता हूं वो इसलिए नहीं हुई क्योंकि न्यूज चैनल लगातार इसका दोष कांग्रेस पर मड़़ रहे हैं। जब कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी सवाल उठाते हैं तो उनको देशद्रोही बताया जाता है। उनको बताया जाता है कि राहुल गांधी जो हैं, कांग्रेस जो हैं वो चीन परस्त हैं। अगर चीन मेरी जमीन पर कब्जा करके बैठा हुआ है और मैं वो मुद्दा उठाता हूं और मैं सरकार पर तबाव बनाता हूं तो क्या मैं चीन परस्त हो जाता हूं। ये कैसा लाजिक है। क्या इन न्यूज चैनल को शर्म आती है कि न्यूज चैनल को भूल जाऊं क्योंकि वो तो बिक गए हैं।

डाॅ. कटारिया ने कहा कि क्या तुम्हारे अंदर ये सवाल नहीं उठता कि एक चाइनीज आर्मी 1962 के बाद हमारी जमीन पर कब्जा किए हुए बैठे हैं और इतने लम्बे अरसे तक। 2017 में भी चीन हमारी जमीन पर आई थी मगर 10-12 दिनों के बाद हट गई। मगर अब क्या हो रहा है मुझे बताइएं। सबसे हैरत की बात ये है आज की तारीख में जो इस मुद्दे पर सवाल उठा रहा है उसे आप देशद्रोही करार दे रहे हैं। मगर दिलचस्प बात क्या है। जिन चेहरों का जिक्र मैंने किया वो तमाम मुद्दें को उठा रहे हैं आपके सामने अगर ये लोग गलत कह रहे होते। ये लोग कह रहे है कि फिंगर 4 तक चाइना पहुंच चुका है। वहां पर उसने स्थाई बंकर और टेंट बना लिए है। उसकी आटरी तमाम चीजंे पहुंच गई है। जबकि चाइना को कहां तक रहना चाहिए था फिंगर 8 तक। मैं आपको बताता हूं कि फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच में फासला 8 किलोमीटर का हैं। यानि हमारी जमीन के 8 किलोमीटर पर चाइना ने प्रवेश कर दिया है। ये उस सरकार के राज में हो रहा है जिसने अपनी पूरी सियासत को उग्र राष्ट्रवाद के आधार पर गूंदा है। 

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