भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आगामी 14 जून को हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल वर्चुअल रैली करने जा रहे हैं और उसकी तैयारी में सारी सरकार, भाजपा कार्यकर्ता और दबे-छुपे ढंग से कहीं न कहीं सरकार के अधिकारी गण भी इसे सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आज का लेख इसी बात पर है कि इस रैली से कोविड-19 से ग्रसित हरियाणा को क्या मिल पाएगा? पिछले दिनों से हरियाणा में कोविड-19 का कहर बढ़ता ही जा रहा है, जिससे राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ-साथ आम नागरिक भी दहशत के साये में जी रहा है। पिछले कुछ दिनों से तो स्थिति यह है कि बाहर काम करके घर का कोई व्यक्ति आता है तो घर के सदस्य ही उसे संदेह की नजर से देखने लगते हैं और कहते हैं कि हाथ सेनेटाइज करके घर में घुसो। पिछले 24 मार्च से 31 मई तक रहे लॉकडाउन ने राज्य, व्यापारी, आम आदमी की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी। हर व्यक्ति अपने आपको आर्थिक रूप से कमजोर पाने लगा है। सरकार की ओर से स्वास्थ सेवाएं कहीं भी पर्याप्त तो दूर जनता को 20-25 प्रतिशत से अधिक संतुष्ट नहीं कर पा रही हैं। अब पूरा प्रदेश भविष्य को अंधकार के रूप में देख रहा है। हमारे देश में प्रजातंत्र है और प्रजातंत्र में देश की हर प्रकार की जिम्मेदारी प्रजा की चुनी हुई केंद्र और राज्य सरकार पर है और हमारे देश की बागडोर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है और प्रदेश की बागडोर यशस्वी मनोहर लाल के हाथ में है। प्रदेश में देखा जाए तो मुख्यमंत्री खट्टर ही नहीं उनके साथ भाजपा के लगभग 17 लाख सदस्य भी हैं, जिनमें 8 लाख के लगभग सक्रिय सदस्य हैं। वर्तमान में जो वर्चुअल रैली की जा रही है, उसमें सरकार के साथ-साथ पूरी भाजपा भी लगी हुई है। सक्रिय 8 लाख कार्यकर्ता तो हैं ही, पूरे प्रदेश में 17 हजार बूथ हैं और भाजपा के दो-दो कार्यकर्ताओं की टीम हर बूथ पर ढाई सौ परिवारों को मिलेगी और उन्हें समझाएगी तथा वर्चुअल रैली सुनने के साधन उपलब्ध कराएगी। वे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स अप, इंस्टाग्राम, लोकल टीवी केबल आदि से सभी को इस वर्चुअल रैली में शिरकत कराएगी। कहने का अर्थ यह है कि लगभग संपूर्ण हरियाणा इस वर्चुअल रैली में शिरकत करेगा, भाजपा और सरकार के अनुसार। प्रजातंत्र में माना जाता है कि बहुमत की बात सदा ठीक होती है और जैसा कि उपरोक्त पहरे में बताया कि वर्चुअल रैली में लगभग सारा हरियाणा सम्मिलित है। 8 लाख भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता भी सम्मिलित हैं और वे सभी मिलकर जब प्रदेश भुखमरी की अवस्था में जा रहा है, उससे बड़ी बात जनता को अपनी जान की चिंता पड़ी हुई है और अगर मैं गलत नहीं हूं तो 15-20 प्रतिशत अति उत्साही या भगवान पर विश्वास रखने वालों को छोड़ दें तो शेष जनता अपने जीवन के प्रति आशंकित है कि वह पता नहीं चार दिन का है, महीने का है या दो महीने का है। ऐसी अवस्था में कितने लोगों का इस रैली में लगना यह जरूर साबित करता है कि इस रैली के पश्चात हरियाणा के सारे कष्ट मिट जाएंगे। भाजपा के गुरुग्राम के प्रवक्ता प्रवीण चंद्रा वशिष्ठ से बात हुई तो उनका कहना था कि हम सारे व्यक्ति हरियाणा के हर आदमी से मिलकर उन्हें सेनेटाइजर और मास्क देंगे। साथ ही उन्हें कोविड-19 से बचने के रास्ते बताएंगे, जिससे कोविड का डर जनता के दिमाग से निकल जाएगा और प्रदेश फिर खुशहाली के रास्ते पर चलने लगेगा। इस प्रश्न पूछा कि यदि ऐसा ही है तो यह वर्चुअल रैली मोदी जी के एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों के नाम पर क्यों की जा रही है, इसका नाम कोरोना बचाव रैली क्यों नहीं रखा तो उनका कहना था कि समय के अनुसार ही किया जाता है। अगला प्रश्न था कि जब 22 मार्च को जनता कफ्र्यू लगाया गया, 25 मार्च से लॉकडाउन आरंभ हुआ जो बढ़ते हुए 31 मई तक चला। जिसमें बीच में आपने ताली-थाली भी बजाई, मोमबत्तियां भी जलाई, तब तो कोविड से बचने के तरीके क्यों नहीं बताए तो उनका कहना था कि आप समय के महत्व को नहीं समझते। तब लोगों को यह पता नहीं था कि यह बीमारी इतनी घातक है और बात का असर तभी होता है जब उसकी उपयोगिता का ज्ञान हो तो अब लोगों को बात समझ आएगी और सबकुछ ठीक हो जाएगा। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि इससे किस प्रकार डॉक्टरों की संख्या बढ़ जाएगी, भाजपा के सारे कार्यकर्ताओं के इसमें लगने से किस प्रकार कोरोना योद्धाओं को पीपीइ किट, मास्क और दस्ताने मिल जाएंगे, किस प्रकार घर-घर ढाई सौ कार्यकर्ताओं के जाने से जो घर-घर में अस्पताल बने हुए हैं, वे ठीक हो जाएंगे? किस प्रकार वर्चुअल रैली के ऐतिहासिक होने से प्रदेश की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था सुधर जाएगी? मैं तो यह भी नहीं समझ पा रहा कि किस प्रकार मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के भाषणों से इससे लोगों में जो जीवन के प्रति डर समाया हुआ है, वह समाप्त हो जाएगा? इसी प्रकार के अनेक प्रश्न मन में घूमते हैं परंतु फिर यही दिमाग में आता है कि कहीं मैं मूर्ख तो नहीं कि इतने समझदार देश के प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और हरियाणा में 8 लाख सक्रिय कार्यकर्ता जब इस बात को मानते हैं कि यह वर्चुअल रैली इस समय बहुत आवश्यक है तो यही समझ में आता है कि इस वर्चुअल रैली के बाद शायद हरियाणा में सबकुछ बढिय़ा हो जाएगा, हरियाणा खुशहाल हो जाएगा और लोगों को रोजगार मिल जाएगा, मजदूर पलायन नहीं करेंगे, उद्योग चालू हो जाएंगे तथा बीमार लोग स्वस्थ हो जाएंगे। हे प्रभु, मैं तो आपसे यही प्रार्थना करूंगा कि मुझे मूर्ख ही साबित कर देना और इन भाजपा के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश के नेता और भाजपा के कार्यकर्ताओं को सही साबित करना, जिससे हमारा हरियाणा तो खुशहाल हो जाए। Post navigation कोरोना ने गुरुग्राम को बना लिया अपना ठिकाना ! जीएसटी परिषद की बैठक में की मांग, टेक्सटाइल, फर्टिलाइजर और फुटवीयर पर न बढ़ाया जाए कोई टैक्स – उपमुख्यमंत्री