क्या बीजेपी का हिंदुत्व यही है ? ऋतुराज

गुरुग्राम से सटे मेवात जिले में आये दिन हिन्दू परिवारों पर अत्याचार की खबरें लगातार आ रही हैं I यह सिलसिला वैसे तो आजादी के समय से ही चला आ रहा है। उस समय मेवात में हिन्दुओ की जनसंख्या 50% थी किन्तु आज ये आंकड़ा तकरीबन 18% पर जा पहुचा है। आज तक राजनीतिक पार्टियों के लिए मेवात मात्र चुनावी मुद्दा रहा है। नेता मुख्यमंत्री वहां जा कर रोज इफ्तारी की परंपरा को निभाते आए है।

हरियाणा में पहले बात पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार बनी तो कुछ उम्मीद जगी थी कि हिंदुत्व के मुद्दे पर प्रखर रूप से बात रखने वाली आरएसएस की राजनीतिक शाखा बीजेपी अवश्य मेवात के हिन्दुओ के लिए कुछ करेगी। किन्तु तकरीबन 6 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी ने भी मेवात के हिन्दुओ से मुह मोड़ रखा है। शायद केंद्र की तरह विश्वास जीतने की होड़ में खट्टर सरकार भी हिन्दुओ की रोज होती हत्या लूट बलात्कर की घटनाओं पर मूक दर्शक बनी रहना चाहती है। के अब राज्य में बीजेपी का राज छठे वर्ष में प्रवेश कर चुका है I बीजेपी के आने के बाद मेवात में हिन्दू की इतनी दुर्दशा है कि उनके परिवार से लड़कियों का अपरहण , परिवार पर अन्य यातनाएं व गऊ वध आम बात है I

हालांकि हरियाणा में गौहत्या पर कानून बनाया जा चुका है किंतु वो कानून लागू भी है या नही पता ही नही लगता। बार बार गौरक्षक ओर सुरक्षाकर्मी अपनी जान गवा रहे है और गौहत्यारे खुले आम तस्करी कर रहे है। आजादी के बाद से अब तक मेवात के 103 गाँव से हिन्दू विहीन हो गए फिर भी सरकार व आरएसएस मौन हैं I ओर ये कोई मेरा निजी आंकड़ा नही है आरएसएस की ही अन्य शाखा विश्व हिंदू परिषद द्वारा निर्मित कमेटी का आंकड़ा है।

हालांकि मेवात में रोज होती घटनाओं पर सवाल उठने पर विहिप ने कमेटी बना सरकार को रिपोर्ट दी है। जिसमे हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचार का लेखा जोखा है। किंतु विहिप के प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री खट्टर साहब को इस रिपोर्ट से ज्यादा भरोसा उनके अधिकारियों की बात पर है जिनके अनुसार मेवात बिलकुल शांत है ओर ऐसी कोई घटना नही होती।

किन्तु सवाल यहा खड़े हो जाते है कि इसी मेवात में लोग आज भी जाने से डरते है। पूरे दिल्ली एनसीआर में लूट टटलू चोरी जैसी घटनाओं में सबसे ज्यादा मेवात का नाम आता है। अवैध हतियार हो या आतंकियो की पनाहगाह मेवात सबसे पहले आता है। 2 साल पहले ही पलवल में बन रही एक मस्जिद के तार पाकिस्तान के आतंकी संगठन की फंडिंग से जुड़े थे।

विहिप का संबंध भी बीजेपी आरएसएस से है ऐसे में इस आंदोलन भी राजनीतिक आंदोलन ही लग रहा है क्योंकि हरियाणा में बीजेपी से लोगो का मोह भंग हुवा है ऐसे में शायद बीजेपी विहिप को आगे करके आगामी चुनाव के लिए अपनी ज़मीन अभी से तैयार करने का प्रयास कर रही है। क्योंकि अगर सच मे बीजेपी को हिन्दुओ का दर्द नज़र आता तो उन्ही के संगठन को इस तरह आंदोलन नही करना पड़ता।

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