डिप्टी सीएम ने पंचायत की मांग को पूरा करने का दिया भरोसा.   उपमुख्यमंत्री ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद चंडीगढ़ में सुनीं लोगों की समस्याएं

-चंडीगढ़, 9 जून। लॉकडाउन खत्म होने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित जननायक जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में लोगों की समस्याएं सुनी। कोरोना महामारी के चलते करीब अढ़ाई महीने के बाद पार्टी कार्यालय में पहुंचे लोगों की समस्या का समाधान डिप्टी सीएम ने मौके पर ही किया। लॉकडाउन की घोषणा के बाद करीब अढ़ाई महीने तक पार्टी प्रदेश कार्यायल पर जनता से मिलने संबंधी गतिविधियां बंद कर दी गई थी। कोरोना महामारी के लिए जारी गाईडलाइन का पालन करते हुए डिप्टी सीएम पार्टी कार्यालय में जनता से रूबरू हुए। लोगों ने कोरोना काल के दौरान किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारियों के सामने आई समस्याओं से भी डिप्टी सीएम को अगवत करवाया। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव डॉ. केसी बांगड़, प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह, जेजेपी विधायक अमरजीत ढांडा आदि मौजूद रहे।

उचाना कलां हलके के गांव डूमरखां कलां से आई पंचायत ने जहां उनके गांव को नरवाना तहसील से दोबारा जोडऩे, गांव बरौदा वासियों ने गांव में आईटीआई खोलने की मांग रखी वहीं अन्य लोगों ने बिजली, पानी, सड़क सहित अन्य अपनी मांगें रखी। इसके अलावा पूर्व ग्राम विकास सहायक एसोसिएशन पदाधिकारियों ने भी अपनी मांगों को लेकर डिप्टी सीएम से मुलाकात की। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर सिंह ने बताया कि बतौर ग्राम सहायक सचिव 1200 पदों पर 2004 में भर्तीं हुई थी और इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया था। उन्होंने बताया कि मामला कोर्ट में पहुंचा और माननीय न्यायालय ने उनकी जारी सेवाएं रखने का फैसला प्रदेश सरकार पर छोड़ दिया था। एसोसिएशन ने अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार से उनकी पुन: नियुक्ति करने की मांग की है। डिप्टी सीएम ने उनकी इस मांग पर गंभीरता से विचार करने की बात कही और कहा कि इस मामले को वह सरकार के समक्ष रखेंगे।

गांव डूमरखां कला से आई पंचायत ने डिप्टी सीएम को बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व उनके गांव डूमरखां कलां को नरवाना तहसील से हटा कर उचाना मंडी तहसील से जोड़ दिया था। इसके कारण ग्रामीणों को समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है। गांव वासियों ने बताया कि उनके गांव डूमरखां से नरवाना की दूरी कम है जबकि उचाना मंडी की दूरी ज्यादा है। डूमरखां वासी चाहते हैं कि उनके तहसील से जुड़े तमाम कार्य नरवाना तहसील से हों, इसके लिए उनके गांव को उचाना कलां से तहसील से हटा कर नरवाना से जोड़ा जाए। डिप्टी सीएम ने ग्रामीणों को उनकी इस मांग को पूरा करवाने का आश्वासन दिया।

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