मिट्टी से निर्मित बर्तन शरीर में इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाते है-डा. केके वर्मा

हांसी 8 जून , मनमोहन शर्मा

माटी कला एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग अखिल भारतीय कुंभकार महासंघ के राष्ट्रीय डिप्टी चेयरमैन प्रजापति डॉक्टर केके वर्मा ने कहा कि मिट्टी बर्तनों का स्वास्थ्य जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है क्योकि गर्मी के मौसम में मिट्टी वाले मटके के पानी का अहम योगदान है जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे वैसे  मटके का पानी अधिक ठंडा रहता है। मटके का पानी प्यास को ही शांत नहीं करता बल्कि मटके का पानी स्वास्थ्य के लिए अति लाभदायक है।

 उन्होंने बताया कि बॉडी का तापमान ब्लड प्रेशर एगैस्ट्रिक खून का पतला करने, गले की प्रॉब्लम,लिवर किडनी  दिल से संबंधित कब्ज गैस आदि बीमारियों को जड़ से खत्म करता है। डा. ने बताया कि वैसे तो मिट्टी के बर्तनों का प्रचलन प्राचीन काल से ही है। हड़प्पा संस्कृति के समय से देश में जब स्टील  एलुमिनियम आदि धातुओं के बर्तन नहीं थे तब से मिट्टी के बर्तनों की शुरुआत प्रथम स्तर पर हुई । उस समय लोग मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करके ज्यादा स्वस्थ रहते थे ।

आधुनिक युग में विज्ञान के चमत्कारों में फैशन की दौड़ में लोग मिट्टी के बर्तनों को भूल गए और बीमारियों का शिकार होने लगे। एक बात विशेष तौर पर ध्यान देने योग्य है कि मिट्टी में 18 माइक्रो न्यूट्रिशन पोषक तत्व होते हैं जो मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। पिछले 5 सालों से देश में मिट्टी के बर्तनों का उपयोग चलन बढ़ा और लोगों ने किचन एरेस्टोरेंट  होटल आदि स्थानों पर इन बर्तनों का उपयोग कर स्वास्थ्य और स्वाद दोनों को उच्च स्तर पर पाया । डा. वर्मा ने बताया कि मिट्टी के बर्तन की लस्सी का स्वाद दही का स्वाद घी मक्खन का स्वाद खिचड़ी का स्वाद दाल कढ़ी काफी स्वादिष्ट होती है।  मिट्टी से निर्मित बर्तन शरीर में इम्यूनिटी लेवल को बढ़ाते हैं। । करोना बीमारी से लडऩे के लिए भी बॉडी का इम्यूनिटी लेवल स्ट्रांग होना चाहिए। भारत में बने हुए मिट्टी के बर्तन विश्व में प्रसिद्ध है । 

उन्होने बताया कि खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से भी लोगों को मिट्टी के बर्तन बनाने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है खासकर मिट्टी के बर्तन प्रजापति समाज यानी कुमार जाति के लोगों द्वारा भारत में बनाए जाते हैं। भारत सरकार और राज्य सरकारें मिट्टी के बर्तनों पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि इसमें स्वास्थ्य भी है और कुम्हार जाति के लोगों का रोजगार भी है। यदि हमें भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है तो मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग भारत के हर घर में करना होगा। युवा पीढ़ी को विशेषकर इस और ध्यान देने की बहुत जरूरत है बच्चों में मिट्टी के बर्तनों के प्रति जागरूक करना चाहिए।

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