जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान एवं वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी संतोख सिंह ने विश्व पर्यावरण दिवस पर बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना से पहले गुरुग्राम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर एक पर था।

उस वक़्त प्रदूषण का स्तर इतना ज़्यादा था कि साँस लेने में भी तक़लीफ होती थी तथा आँखों में जलन होती थी और खुले आसमान के नीचे जाने पर थोड़ी देर में ही चेहरे पर काली धूल जम जाती थी।वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश में हुए लॉकडाउन के कारण उद्योग धंधे बंद हैं ,भवन निर्माण की गतिविधियां भी बंद है तथा वाहनों की आवाजाही पर भी रोक है जिसके कारण वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।प्रदूषण निम्न स्तर पर है।पर्यावरण शुद्ध हो गया है।आकाश साफ है।आकाश में तारे दिखाई देने लगे हैं।पेड़ पेड़ पौधों पर चमक आ गई है । हवा बिलकुल स्वच्छ है।ग़ौरतलब है कि इसी दौरान पूरे देश में रबी की फ़सल की कटाई व कढ़ाई हुई है लेकिन उसके बावजूद भी प्रदूषण निम्न स्तर पर रहा है।

सामान्य दिनों में भी इसे बनाए रखने की ज़रूरत है जिसके लिये पर्यावरणीय मानदंडों और प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले नियमों को सख़्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से माँग की कि प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले नियमों का सख़्ती से पालन करवाकर तथा ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगवाकर प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।

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