भाजपा के राज मे मजदूर, किसान, हिन्दू, जनता कोई भी सुरक्षित नही – शिवसेना पानीपत 2 जुलाई : जैसे बीजेपी शिवसेना का गटबन्ध टूट कर महारास्ट्र में ठाकरे सरकार बनी है तब से बीजेपी महारास्ट्र सरकार पर लगातार हमले कर रही है लगता है वेसे ही शिवसेना ने बीजेपी को पूरे देश मे घेरने का प्लान बनाया है। उत्तरप्रदेश में शिवसेना रेल मंत्री पर हमलावर हो रही है वही हरियाणा में खट्टर सरकार पर हमलावर हो गई है। शिवसेना प्रदेश प्रमुख हरियाणा हरकेश शर्मा द्वारा आज खट्टर सरकार पर जोरदार हमला बोला गया। शर्मा के अनुसार एक तरफ जहां लॉकडाउन में पूरा देश कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रहा था तब हरियाणा में बीजेपी जेजेपी सरकार शराब माफिया चला रही थी बन्द गोदामो से शराब की तस्करी में लगी हुई थी। जब मीडिया के द्वारा इसका खुलासा हुआ तो कमजोर जांच कमेटी बेठा कर उसपे पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि पूरा प्रदेश जानता है कि तकरीबन 8000 करोड़ के इस शराब घोटाले का मास्टरमाइंड कोंन है? वही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शराब घोटाले की जांच की फाइल भी कमेटी द्वारा लोटा दी गई है। अगर ऐसा है तो फिर दोषियों पर कार्यवाही में देरी क्यो? क्या खट्टर सरकार अपने लोगो को बचाने का प्रयास कर रही है या ये राज्य के मुख्यमंत्री और ग्रहमंत्री के आपसी कलह के कारण दोषियों को छूट मिल रही है? हरकेश शर्मा ने कहा प्रदेश का मजदूर परेशान हो पैदल ही पलायन को मजबूर हुवा जिसे राष्ट्र निर्माता बोला जाता है उस मजदूर पर हरियाणा में लाठियां भांजी गई। सरकार में बैठे विधायक पार्षद क्या करते रहे? भूख से मजबूर मजदूर परेशान होता रहा। घास तक खाने को मजबूर हुवा। वही खट्टर सरकार राशन डिपो से मुफ्त राशन देने का ढोंग कर रही है और सरकार में बैठे विधायक पार्षदों तक को पता नही की डिस्ट्रेस कूपन कब और कहा मिल रहे है ऐसे में मजदूर को कहा से मालूम होगा। जो मजदूर यहां रुके है उन्हें राशन कार्ड से भी राशन नही मिल पा रहा है। बीजेपी मात्र हिंदुत्व का ढोंग करती है किंतु हिन्दुओ के मुद्दे पर मोंन हो जाती है। हरियाणा के मेवात में ही सेकड़ो गाँवो से हिन्दू गायब हो गए दलितों को प्रताड़त किया जा रहा है रोज खुले आम गौतस्करी हो रही है गौरक्षकों को गोलियां मारी जा रही है किंतु खट्टर सरकार शराब के नशे में चूर है उन्हें ये सब दिखाई क्यो नही दे रहा? ईमानदारी का तगमा लगा कर चलने से कोई ईमानदार नही हो जाता उन्हें ईमानदारी दिखानी ओर साबित भी करनी होती है। अब देखना ये है कि स्वमघोषित ईमानदार सरकार शराब घोटाले में कितने आरोपियों को सज़ा दी पाती है? Post navigation खरीफ फसल में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी : सरकार के दावे वास्तविकता से कोसों दूर – विद्रोही एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस को किराए पर चढाने के मामले में दो अधिकारियों को सस्पेंड किया