गुर्जर समाज – पिछड़ा वर्ग की इकलौती आईएएस अधिकारी रानी नागर पर लगातार जानलेवा हमला, शोषण व अत्याचार क्यों?. आईएएस अधिकारी सुश्री रानी नागर को जान से मारने के षंडयंत्र की जाँच क्यों नहीं कर रहीं यूपी-हरियाणा की भाजपा सरकारें?. आज तक रानी नागर के इस्तीफे खारिज करने व हरियाणा से यूपी काडर बदलने पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया?

खट्टर सरकार की नाकामी, निकम्मेपन व दोषियों के खिलाफ जानबूझकर कार्यवाही न करने के कारण 4 मई, 2020 को हरियाणा की गुर्जर समाज की इकलौती आईएएस अधिकारी सुश्री रानी नागर को अप्रत्याशित तरीके से आईएएस से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा। अपने इस्तीफे में रानी नागर ने साफ तौर से लिखा है कि वो अपनी ‘व्यक्तिगत सुरक्षा’ को लेकर आईएएस की बड़ी नौकरी से इस्तीफा दे रही हैं ।

अब तो गुंडागर्दी की हद ही हो गई। कल 30 मई 2020 की रात को रानी नागर व उनकी बहन पर लोहे की रॉड से हमला किया गया, जिसमें उनकी बहन रीमा नागर को चोटें भी आईं।

2014 हरियाणा काडर की आईएएस अधिकारी सुश्री रानी नागर पर हरियाणा की खट्टर सरकार के संरक्षण के चलते बार बार हमला, शोषण व अत्याचार हो रहा है। दुर्भाग्य की बात यह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर ने इस पूरे मामले को लेकर रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है। तीन साल से दर्जनों शिकायतों और हमलों के बावजूद मुख्यमंत्री, श्री खट्टर ने एक बार भी सुश्री रानी नागर को बुलाकर, पूरी बात सुनकर दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। 

रानी नागर पर लगातार किए गए हमलों से साफ है कि खट्टर सरकार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दोषियों को संरक्षण दे रही है:-

1. दिसंबर, 2017 में जब सुश्री रानी नागर एसडीएम, डबवाली के तौर काम कर रही थीं, तो उनके घर पर अपराधिक हमला हुआ। पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। जब यह मामला समाचार पत्रों की सुर्खी बन गया, तो 24 दिसंबर, 2017 को एफआईआर दर्ज की गई। 2. जून, 2018 में रानी नागर द्वारा यौन शोषण की शिकायत दर्ज की गई और उसे बार-बार उठाया गया। परंतु खट्टर सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।3. इसके बाद सुश्री रानी नागर पर सिलसिलेवार प्रताड़ना व हमले शुरू हो गए।

17 अप्रैल, 2019 को सुश्री रानी नागर ने अपने फेसबुक पर खुद के ऊपर किए गए हमलों और खतरे के बारे में सार्वजनिक तौर से लिखा। परंतु मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर व उनकी सरकार ने फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की। 4. बतौर आईएएस ऑफिसर, सुश्री रानी नागर दिसंबर, 2019 से चंडीगढ़ यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नं 311 में अपनी बहन के साथ रह रही थीं। यहां तक कि उनके खाने में पिन डालकर दिया गया, जिससे उन्हें कोई भी शारीरिक नुकसान हो सकता था। इस बारे 13 दिसंबर, 2019 को रानी नागर द्वारा बाकायदा शिकायत भी दी गई।

हद तो तब हुई जब लॉकडाऊन में सुश्री रानी नागर व उनकी बहन को खाना तक नहीं दिया गया व उन्हें तरल पदार्थ पीकर ही अपना गुजारा चलाना पड़ा। इस बारे 7 मई, 2020 को बाकायदा रानी नागर ने लिखकर सार्वजनिक किया है। 5. 8 मई, 2020 को तो हद ही हो गई, जब सुश्री रानी नागर व उनकी बहन के यूपी गेस्ट हाउस के कमरा नं. 311 का दरवाजा ही तोड़ दिया गया।

हरियाणा गवर्नर हाउस से सटे हाई सिक्योरिटी एरिया में एक महिला आईएएस अधिकारी के कमरे का दरवाजा कैसे तोड़ा जा सकता है, यदि अपराधियों को सरकारी संरक्षण न हो? 6. 12 मई, 2020 को एक बार फिर रानी नागर के घर पर सरेआम हमला हुआ। पर एक बार फिर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ।7. 30 मई, 2020 की रात को एक बार फिर गुर्जर समाज की आईएएस अधिकारी सुश्री रानी नागर और उनकी बहन पर जानलेवा हमला हुआ । 

खट्टर सरकार से हमारे सवाल:-

1. गुर्जर समाज की इकलौती आईएएस अधिकारी, सुश्री रानी नागर पर हो रहे लगातार हमले, शोषण व प्रताड़ना पर कार्यवाही न करने का राज क्या है?

2. सुश्री रानी नागर व उनकी बहन की बार-बार की गई शिकायतों पर खट्टर सरकार ने कार्यवाही क्यों नहीं की?

3. खट्टर सरकार ने रानी नागर पर हाई सिक्योरिटी यूटी गेस्ट हाउस चंडीगढ़ में हमले का संज्ञान क्यों नहीं लिया?

4. मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत सुरक्षा के खतरे के चलते इस्तीफा देने वाली गुर्जर-पिछड़ा वर्ग की इकलौती आईएएस अधिकारी सुश्री रानी नागर को एक बार भी बुलाकर मिलना व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करना उचित क्यों नहीं समझा? क्या प्रदेश के मुखिया के तौर पर यह खट्टर साहब की जिम्मेदारी नहीं है?

5. क्या खट्टर सरकार रानी नागर के हमलावरों को प्रत्यक्ष या परोक्ष संरक्षण दे रही है?  

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