मौलिक निदेशालय ने दूरभाष संदेश द्वारा एक बार रोकी पीटीआई की कार्य मुक्ति:  सीजन भारती

चण्डीगढ़,।हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने बहुत ही अल्पनोटिस पर शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर 1983 पी.टी.आई. की सेवा सुरक्षा को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किए। प्रर्दशन के बाद सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे गए। इन प्रदर्शनों को सर्व कर्मचारी संघ वं शारीरिक शिक्षक संघ का भी पुरजोर समर्थन मिला और दोनों संगठनों से जुड़े कर्मचारी प्रर्दशन में शामिल हुए। राज्य प्रधान सीएन भारती, महासचिव जगरोशन व कोषाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद बाटू ने एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति मे कहा कि 29 मई को निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके उच्चत्तम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए 3 दिन में उपरोक्त सभी 1983 पी.टी.आई. को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए थे।

भारती ने कहा कि संगठन के तत्काल बृहस्पतिवार को सायं ही इसका संज्ञान लिया एवं 29 मई को सभी जिला मुख्यालयों पर काला दिवस मनाते हुए प्रदर्शन करने व इस पत्र को वापिस लेने और सभी 1983 पी.टी.आई. की सेवा सुरक्षा मांग को ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजने का निर्णय लिया। इस निर्णय उपरांत शुक्रवार के प्रदर्शन को देखते हुए निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दूरभाष द्वारा संदेश देकर एक बार 28 मई के अपने पत्र पर मौखिक रोक लगाने पर मजबूर होना पड़ा।

अध्यापक संघ का मानना है कि यह दूरभाष संदेश इस समस्या का स्थाई हल नहीं है, बल्कि सरकार को परिवार के मुखिया की भांति ठोस वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए और उच्चत्तम न्यायालय में पुख्ता रिकार्ड के साथ बड़ी बैंच में उसके 8 अप्रैल के निर्णय के खिलाफ अपील करते हुए पी.टी.आई. की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो यह आंदोलन आगे बढ़ेगा, जिसकी सारी जिम्मेंवारी सरकार व प्रशासन की होगी। अध्यापक संघ अब भी सरकार से मांग करता है कि वो 1983 निर्दोष परिवारों की रोजी-रोटी छीनने का काम न करे अन्यथा एक निर्णायक आंदोलन की घोषणा शीघ्र करने पर मजबूर होंगे।

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