भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरुग्राम। गुरुग्राम में आज जिस प्रकार कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं, वह इस बात की पुष्टि अवश्य कर रहा है कि गुरुग्राम खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। किसी भी समय सरकार को मजबूर होकर रैड जोन घोषित करना पड़ सकता है।

जिम्मेदार कौन?

पिछले दिनों जैसा कि मैंने आपको बताया कि अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि गुरुग्राम में कहीं कोई लापरवाही नहीं हो रही है, यह तो विश्व की बीमारी है और गुरुग्राम में भी चल रही है। अब वही सवाल फिर खड़ा होता है कि माना कि यह सारे विश्व की बीमारी है परंतु सारे हरियाणा में गुरुग्राम में ही सबसे अधिक मरीज क्यों मिल रहे हैं। इस प्रकार लगता है कि कहीं न कहीं गुरुग्राम में कोरोना के बचाव के नियमों में कमी बढ़ती जा रही है और उसी के कारण इस प्रकार वृद्धि हो रही है।

इस कमी का जिम्मेदार मैं तो प्रशासन को ही मानूंगा। आज कंटेनमेंट जोन लगातार बन रहे हैं। बफर जोन बन रहे हैं लेकिन जिस परिवार में मरीज मिले, उसके अतिरिक्त कहीं और प्रशासनिक अधिकारी देखते भी नहीं। केवल खानापूर्ति कर देते हैं कंटेनमेंट जोन की। आज डीएलएफ से एक युवती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रखी थी कि मेरे घर में कोरोना का मरीज मिला और मैंने विधायक को आग्रह किया और मैं विधायक जी को धन्यवाद करती हूं कि मेरे आग्रह से मेरे घर को सेनेटाइज किया गया। यह अपने आपमें सारी तस्वीर कहने के लिए पर्याप्त है।

अब स्थिति यह है कि अधिकारियों को अलर्ट होना पड़ेगा और नेता चाहे वर्तमान हैं, चाहे भूतपूर्व हैं, उन्हें अधिकारियों और स्थितियों के ऊपर नजर रखनी पड़ेगी। मेरा तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार भाजपा ने अनेक चेयरमैन बना रखे हैं, जिला अध्यक्ष हैं, विधायक हैं, पूर्व विधायक हैं, उन्हें भी मानवता की सेवा के लिए आगे आना ही होगा।

हमारे पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल अपने कार्यकाल में अधिकारियों के ऊपर नियंत्रण रखने में सिद्धस्त माने जाते थे और उन्होंने मन से किया या किसी लाभ की सोच से किया, यह तो वह जानें लेकिन सामाजिक और धार्मिक कार्य उन्होंने बहुत किए। अब यदि वह मानवता की सेवा में अपनी योग्यता और अनुभव नहीं देंगे तो क्या उन्हें उनका अंतर्मन भी माफ कर पाएगा। हमें आशा करनी चाहिए कि वह अपना अनुभव अवश्य देंगे मानवता के लिए।

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