नहीं हो रहा समस्या का समाधान, बढ़ता जा रहा घमासान.
हेलीमंडी के वार्ड 7- 8 दलित कालोनी के पास का मामला.
विरोधकर्ता महिलाओं और पुलिस के बीच  हुई गरमागरमी

फतह सिंह उजाला

पटौदी। एक तरफ तो कोरोना कोविड 19 की फैलती महामारी, ऊपर से आवासीय बस्ती – कालोनी के साथ में शहर भर कर कूड़ा ला-लाकर डंप किया जा रहा है। मामला पटौदी हलके की हेलीमंडी नगर पालिका के वार्ड 7-8 सहित दलित बस्ती-कालोनी का है। स्थानीय निवासी खासकर महिलाएं कोरोना कोविड 19 जैसी महामारी के माहौल को देखते किसी भी संभावित महामारी के फूटने की चिंता से परेशान है। यहां कूड़ा-करकट डालने के विरोध का सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। लेकिन समस्या का समाधान किया जाने के उलट यहां घमासान बढ़ता ता रहा है। गुरूवार को भी स्थानीय महिलाओं और पटौदी थाना सहित हेलीमंडी पुलिस के बीच में गरमागरमी हो गई, जब कथित रूप से लाठी चार्ज की चेतावनी दे दी गई थी। इस मामले में जानकारी के लिए हेलीमंडी पालिका सचिव से फोन पर संपर्क किया गया तो काल रिसीव नहीं की और न ही वापिस फोन किया।

यहां कूड़ा करकट बस्ती के साथ खुले में ही डंप किया जाने के विरोध में एक बार फिर से गुरूवार को ज्योति पांडे, बिमला यादव, अनिता, मुकेश कुमारी, कमलेश, सरिता, आशा शर्मा, ममता, सरोज, मीनू, हेमलता, सुमन, रीता, सुषमा, राजबाला, चम्पा, लक्ष्मी, सुमन सहित अन्य महिलाओं ने मोर्चा खोलते कूड़ा लाकर डालने वाले वाहनों को रोकना शुरू कर दिया। महिलाओं का दो टूक कहना था कि पालिका प्रशासन ने यहां कूड़ा नहीं डालने के लिए लिखित में वादा किया हुआ है। अब जब से कोरोना महामारी फैली है उसके बाद से पूरे शहर का कूड़ा और तेजी से लाकर डालना शुरू किया हुआ है। तीनों तरफ रहने वाले निवासी बिमारी के आतंक में जी रहे है।

लेगों के आरोपानुसार इस्तेमाल किये गए मास्क, हैंड ग्लोब्स, मेडिकल वेस्ट तक कोरोना महामारी के बीच में ही यहां डाल जा रहा है। कुछ महिलाओं ने बताया कि, बीते दिनों ही यहां आसपास के कुछ लोगों के कोरोना संदिग्द्ध होने पर जांच भी की जा चुकी है। अधिकारियों को कूड़ा – करकट डलवाने के लिए यहीं गरीबों – दलितों की बस्ती का स्थान इतना ही मन भा गया है तो, अधिकारी यही पर आकर कुछ दिनों के लिए रहकर भी देखें कि कैसे बदबू और जोखिम के बीच में लोग रहने को मजबूर हैं, कूड़ा डालने के बाद सेनेटाइजर का सप्रे-छिड़काव तक नहीं किया गया है। यह क्षेत्र वन रजिक क्षेत्र है,  जो कि तरूण त्रिवेणी कहलाता है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक पटौदी के मौजूदा एसडीएम भी स्वयं यहां का मौका मुआयना कर समस्या के समाधान का आश्वासन भी चुके हैं। महिलाओं ने पालिका के चुने प्रतिनिधियों को भी खरीखोटी सुनाते मांग की है कि, यहां पर पार्क ही बनाया जाना चाहिये, जिसकी हरियाली से पर्यावरण शुद्ध रहेगा और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर बनेगा।

बस्ती के पास कूड़ा डालना गलत

पर्यावरण सहित स्वास्थ्य से जुड़े सवंेदनशील मामले में पटौदी के एमएलए सत्य प्रकाश जरावता का साफ कहना है कि, स्वच्छ वातावरण सभी का मौलिक अधिकार है। गरीब दलित आवासीय बस्ती कालोनी के साथ में कूड़ा-करकट डालना, डंप करना गलत है। उन्होंने कहा कि, हेलीमंडी पालिका प्रशासन को कूड़ा-करकट एकत्रित करनें का ठेका रद्द करके नया ठेका छोड़ना चाहिये। जिसमें यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि सभी 15 वार्डाे का कूड़ा-करकट अलग-अलग वार्ड में ही एकत्रित करके फिर इसका निवारण सही प्रकार से किया जाए। ऐसी व्यवस्था से किसी भी वार्ड में किसी को भसी काई एतराज नहीं होना चाहिये। साथ ही जमीन और उसकी लोकेशन के मुताबिक ही प्लानिंग बनानी चाहियें कि क्या काम किया जाना बेहतर और जनहित में रहेगा। किसी के भी स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।