गुरूग्राम, 26 मई। गुरूग्राम जिला प्रशासन ने आगामी मानसून के दौरान वर्षा के पानी की हारर्वेस्टिंग करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आज सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् भवन में सफाईकर्मियों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की कार्यक्षमता की जांच को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 50 सफाईकर्मियों ने भाग लिया।]

 इस अवसर पर गुरूजल परियोजना की प्रौजेक्ट डायरेक्टर शुभि केसरवानी के मार्गदर्शन में परियोजना के सहायक प्रबंधक सचिन ने सफाईकर्मियों को भूजल के महत्व सहित बारिश के पानी का संचयन करने के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानसून से पूर्व हम सभी को मिलकर भूमिगत जल स्तर में सुधार लाने की दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगामी मानसून के मौसम में सार्वजनिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की कार्यक्षमता की जांच करने और चालू हालत सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम गुरूग्राम के 25-25 सफाईकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यशाला में 12 सुपरवाइजरों को भी प्रशिक्षित किया गया।  

उन्होंने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की दो चरणों में जांच की जाएगी। पहले चरण में दो लोगों की एक टीम बनाई जाएगी जिसमें सफाई कर्मचारी आरडब्लयूए के सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण करेंगे। दूसरे चरण में आवश्यकता अनुरूप रेन वाटर हार्वेस्टिंग  स्थलों की मरम्मत व रख रखाव किया जाएगा। इस जांच प्रक्रिया की अवधि दो महीने की होगी। इस दौरान जिला में 360 सार्वजनिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थलों की जांच की जाएगी। 

कार्यशाला के दौरान गुरूजल की ओर से सहायक प्रबंधक सचिन ने बताया कि जल संकट भविष्य में हम सभी के लिए बड़ी समस्या का रूप ले सकता है जिससे निपटने के लिए जल संरक्षण व इसे प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भूमिगत जल स्तर में सुधार करने में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण व वर्षा के जल का संचयन करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हमें नदियों व तालाबों का संरक्षण करना होगा अन्यथा भविष्य में मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

इस अवसर पर नगर निगम गुरुग्राम से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग कंसल्टेंट डॉ. सुमेर राव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण के लिए आवश्यक है कि मानसून से पहले जिला में लगाए गए सभी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जाए व इनकी चालू हालत सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के डिसिल्टिंग पिट , फिल्टर पिट , रिचार्ज वैल पिट की जांच की जाए और उनकी सर्विस की जाए ताकि आगामी मानसून में जल संचयन किया जा सके। जल संचयन के लिये जरूरी है कि हम सब एक टीम की तरह मिलकर काम करें। 

उन्होंने कहा कि वर्षा पर्यावरण का एक बड़ा तोहफा है व इस तोहफे को हमें बेकार नहीं जाने देना चाहिए और सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए । उन्होंने कहा कि संसार में प्रत्येक वस्तु का कोई ना कोई विकल्प है लेकिन जल का कोई विकल्प नहीं है इसलिए हम सभी को मिलकर आगे आना चाहिए और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए जल संरक्षण करना चाहिए।

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