प्रदेश के मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि अगर हरियाणा में नौकरी करनी है तो अधिकारियों को विधायकों की सुननी ही पड़ेगी.

चंडीगढ़. हरियाणा में एक बार फिर से विधायकों और अधिकारियों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. विधायकों का कहना है कि अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते. यही नहीं विधायकों ने आरोप लगाया है कि अधिकारी उनकी अनदेखी करते हैं और उनकी सुनते नहीं. विधायकों ने इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से की थी. इस पर अनिल विज ने अधिकारियों को नसीहत दे डाली और कहा कि अगर हरियाणा में नौकरी करनी है तो अधिकारियों को विधायकों की सुननी ही पड़ेगी. विज ने कहा कि अधिकारियों पर सख्ती के और भी बहुत तरीके हैं. अगर मुख्यमंत्री को विधायक बताएंगे तो आवश्यक कार्यवाही होगी.

विज ने कहा कि प्रोटोकॉल में विधायक मुख्य सचिव से ऊपर हैं, यह अफसरों को बता दिया जाएगा. विज ने कहा कि विधायकों के प्रति अधिकारियों के उपेक्षा के रवैये को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. अधिकारियों को अपना रवैया और कार्यशैली में सुधार करना होगा.

विधायकों ने की थी शिकायत

दरअसल विधानसभा अध्‍यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से विधायकों ने अधिकारियों के इस रवैये के बारे में शिकायत की थी. ज्ञानचंद गुप्‍ता ने बृहस्पतिवार को दो अलग सत्रों में 10 जिलों के 40 विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विधानसभा कमेटियों के गठन से लेकर मानसून सत्र बुलाए जाने की बाबत चर्चा की थी. पहला सत्र दोपहर 12 बजे अंबाला, भिवानी, चरखीदादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम जिला के 20 विधायकों के साथ हुआ. इसमें विधायकों ने लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों द्वारा उनके फोन नहीं उठाने का मुद्दा गंभीरता से रखा.

लिखित में दें शिकायत

विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से कहा कि वे इस बार में लिखित शिकायत दें. इन शिकायतों पर विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी अधिकारियों से न सिर्फ जवाब तलबी करेगी, बल्कि जरूरी कार्रवाई भी करेगी. ज्ञान चंद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि विधायक जनता के प्रतिनिधि हैं और अधिकारी जनता के नौकर. जनहित में जनप्रतिनिधियों के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही कानून में भी तय है.

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