देश में सबसे पहले उच्च स्तर के मेडिकल संस्थानों, अस्पतालों के निर्माण व स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत बनाना सरकार व समाज कि प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए, कोविड-19 संकट ने किया आगाह 22 मई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि कोविड-19 संकट ने हमें आगाह किया देश में सबसे पहले उच्च स्तर के मेडिकल संस्थानों, अस्पतालों के निर्माण व स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत बनाना सरकार व समाज कि प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए1 विद्रोही ने कहा मोदी-भाजपा सरकार ने कोविड-19 संकट से कोइ सबक सीखने बजाए अभी भी सेंट्रल बिस्टा, बुलेट ट्रेन जैसे महंगे अनावश्यक प्रोजेक्टस को प्राथमिकता दे रही है1 जबकी सरकार को इस समय सबसे ज्यादा ध्यान देश भर में स्वीकृत एम्स, मेडिकल कालेजों, मेडिकल संस्थानों, अस्पतालों के निर्माण व स्वास्थ्य सेवा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर देना चाहिए1 लेकिन मोदी सरकार आयुर्विज्ञान संस्थानी कि उपेक्षा करके विलासिता की परियोजनाओं को महत्तव दे रही है1 इसका जीता-जागता उदाहरण रेवाड़ी जिले के घोषित मनेठी एम्स के प्रति केंद्र व हरयाणा सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया है1 विद्रोही ने कहा जुलाई 2015 में हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर ने मनेठी-रेवाड़ी एम्स निर्माण की सार्वजनिक घोषणा की थी1 फिर बाद में उस घोषणा को जुमला बताया1 और जब जनदबाब बढ़ा तो लोकसभा चुनाव-2019 में जनता को ठगकर वोट बटोरने खातिर भाजपा सरकार ने फरवरी-2019 में मजबूर होकर मनेठी एम्स निर्माण की घोषणा कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी जी से करवाई1 मोदी कैबिनेट ने लोकसभा चुनावों से ठीक पूर्व 28 फरवरी-2019 की केबिनेट बैठक में मनेठी एम्स को विधिवत मंजूरी देकर इसके निर्माण के लिए 1299 करोड़ रूपये का बजट पारित किया1 विद्रोही ने कहा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद जून-2019 को केंद्रीय पर्यावरण समिति ने मनेठी एम्स की प्रस्तावित 229 एकड़ जमीन को पर्यावरणीय मंजूरी देने से यह कहकर इनकार कर दिया उक्त जमीन अरावली क्षेत्र में पडऩे वाली वन विभाग की जमीन है1 और मनेठी एम्स का मामला अभी तक यो ही अटका पड़ा है1 हरियाणा भाजपा सरकार ने मनेठी एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन भूमि अधिग्रहण कानून अनुसार अधिग्रहित करने बजाय आसपास के किसानो से एम्स के लिए स्वेच्छा से कलेक्टर रेट पर 200 एकड़ जमीन देने का आग्रह किया और उसके लिए एक सरकारी पोर्टल भी खोलकर 31 मार्च तक उक्त जमीन देने की नौटंकी भी शुरू की1 कोविड संकट के चलते उक्त नौटंकी भी ठंढे बास्ते में चली गई1 विद्रोही ने आरोप लगाया भाजपा सरकार का रवैया साफ़ बता रहा है उसकी मंशा शुरू से ही मनेठी एम्स बनाने की नहीं रही1 और किसी न किसी बहाने इस मुद्दे को लटकाये रखने की रही है1 सवाल उठता है यदि भाजपा सरकार मनेठी में एम्स बनाने के प्रति गंभीर-ईमानदार है तो पोर्टल पर स्वेच्छा से कलेक्टरेट रेट पर किसानो से जमीन लेने की नौटंकी करने बजाय भूमि अधिग्रहण कानून तहत जमीन अधिग्रहित करने के आसान रास्ते से भागकर जमीन लेने के मामले को जानबूझकर जटिल क्यों बना रही है1 सरकार के रवैये से साफ़ है वह जानती है सभी किसान स्वेच्छा से एकमुश्त, एकसाथ लगाती 200 एकड़ जमीन मनेठी एम्स निर्माण के लिए देने से रहे और सरकार एम्स बनाने से साफ़ पल्ला झाड़ लेगी1 सरकार इसी रणनीति पर चल रही है न नो मन तेल होगा और न राधा नाचेगी1 विद्रोही ने मुख्यमंत्री खटटर से पूछा सरकारी पोर्टल पर कलेक्टर रेट से अब तक कितने किसानो ने कितनी जमीन मनेठी एम्स निर्माण के लिए देने का वचन सरकार को दिया है1 और यह जमीन एक साथ लगाती हुई एकमुश्त जमीन है या नहीं? मेरी जानकारी अनुसार अभी तक जिन किसानो ने कथित रूप से सरकारी पोर्टल पर अपनी जमीन कलेक्टर रेट पर मनेठी एम्स के लिए देने का भरोसा दिया है वह जमीन टुकटो में है! कही भी एकसाथ लगती एकमुश्त जमीन नहीं है1 जिन किसानो की जमीन इन टुकड़ो के बीच में पड़ती है वे अपनी जमीन कलेक्टर रेट पर देने को तैयार नहीं है1 ऐसी स्थिति में टुकड़ो में मिली जमीन पर तो मनेठी एम्स बनाने से रहा1 विद्रोही ने कहा वे सार्वजनिक रूप से पहले ही कहते आये इस तरह पोर्टल पर एकमुश्त जमीन मिलने की आशा करना ही एक नौटंकी के सिवाय कुछ नहीं है1 यदि सरकार लोगो को भावनात्मक रूप से ठगने की बजाय वास्तव में मनेठी एम्स के प्रति गंभीर व ईमानदार है तो भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के तहत बाजार भाव से चार गुना ज्यादा रेट पर किसानो की भूमि अधिग्रहित करना ही एकमात्र रास्ता है1 पर सरकार यह न करके साफ़ रूप से बता रही है की उसकी मंशा मनेठी एम्स निर्माण की है ही नहीं केवल निर्माण करने का ढोंग करने भर की है1 विद्रोही ने कहा यदि कोविड-19 से प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोइ सबक सीखा है तो सेंट्रल बिस्टा, बुलेट ट्रेन जैसे विलासिता के प्रोजेक्ट छोडक़र एम्स जैसे अति आवश्यक प्रोजेक्टों को अति शीघ्र पूरा करने को प्राथमिकता दे इसी कड़ी में मनेठी एम्स निर्माण में आ रही सभी बाधाओं को तीव्र गति से ख़त्म करके एम्स निर्माण रास्ता साफ़ कर ताकि जहा दिल्ली एम्स पर लगातार बढ़ता बोझ काम हो सके वही दक्षिणी हरियाणा जैसे पिछड़े क्षेत्र व उसके साथ लगते राजस्थान के पिछड़े ग्रामीण इलाकों भो मनेठी एम्स से उच्च स्तरीय आधुनिक चिकित्सा सस्ते में आसानी से उपलब्ध हो सके इसका रास्ता साफ़ करके मोदी जी अपनी कथनी व करनी को भी एक करे Post navigation सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 22 मई को सभी ट्रेड यूनियनें करेंगी प्रदर्शन CBSE ने छात्रों को जागरूक करने के लिए जारी की ‘साइबर सिक्योरिटी हैंडबुक’