चंडीगढ़,21 मई। लाकडाउन में की गई छंटनी का विरोध कर रहे कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के 60 ठेका सफाई कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नौकरी से बर्खास्त करने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने पर गिरफ्तारियां का मामला तूल पकड़ गया है। प्रदेश के प्रमुख संगठन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और गिरफ्तारी की घोर निन्दा की और शुक्रवार को प्रदेशभर में प्रर्दशन करने का निर्णय लिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने सरकार की हिदायतों के खिलाफ केडीबी द्वारा की गई सफाई कर्मचारियों की छंटनी और गिरफ्तारी को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव हरियाणा सरकार से बातचीत की और तुरंत आवश्यक हस्तक्षेप करने की मांग की। मुख्य सचिव ने आवश्यक हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया। खबर भेजे जाने तक सफाई कर्मचारी,सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पदाधिकारी और राजनीतिक दलों के नेता थाने के अंदर बैठा रखें है और अन्य विभागों के सैकड़ों कर्मचारी थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व सकसं के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण  लाकडाउन में 12 मई को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड प्रशासन ने बिना किसी कारण बताए 64 ठेका सफाई कर्मचारियों में से 20 को काम से हटा दिया दिया। जिसके विरोध स्वरूप यूनियन द्वारा प्रसाशन को नोटिस दिया गया कि यदि 15 मई तक निकाले गए कर्मचारियों को वापिस नही लिया गया तो 16 मई से धरना दिया जाएगा। परंतु प्रसाशन ने कर्मचारियों को वपिस ड्यूटी पर लेने व यूनियन से बात करने की बजाए 13 मार्च को 20 की बजाए सभी 64 कर्मचारियों को नोकरी से बाहर कर दिया। जिसके उपरांत 14 मार्च से सभी कर्मचारी तानाशाही के खिलाफ धरना पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि केडीबी प्रसाशन द्वारा पहले तो कर्मचारियो को डराया धमकाया। परन्तु जब कर्मचारी धरना पर डटे रहे तो मजबूर होकर धरने के 5 वें दिन यानी 18 मार्च को प्रसाशन ने कर्मचारियों को वपिस डयूटी पर लेने का फैसला लिया।

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