प्रवासियों ने सुनाई धोखाधड़ी की आपबीती. आरोप पुलिस ने रात को बस से उतारा फतह सिंह उजाला पटौदी/गुरूग्राम। लाॅक डाउन के चलते काम धंधा बंद होने के साथ ही बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे मूल रूप से बंगाल के रहने वालों को बंगाल ले जाने के नाम पर कंगाल करने का मामला सामने आया है। अपने घर लौटने वाले बंगाली प्रवासी शहर के सेक्टर 37 में रहने वाले बताये गए हैं। बताया गया है कि अपने साथ हुई धोखाधड़ी सहित ठगी के मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस को भी दे दी गई है। शहर के सेक्टर 37 में रहने वाले मकबूल हक के मुताबिक वह तथा शरीफ, अजिजूर रहमान, रफी व अन्य लोग मूल रूप से बंगाल के रहने वाले है। कोरोना को लेकर लाॅक डाउन के चलते उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। ऐसे में साथियों के साथ विचार विर्मश के बाद में बंगाल लौटने का फैंसला किया गया। पीड़ितों के मुताबिक बंगाल के ही रहने वाले गांव सराय निवासी आजाद अली, सुलतान इत्यादी ने कहा कि प्रति व्यक्ति 5 हजार रूपए बंगाल लौटने के लगेंगे और उन्होंने एडवांस में पैसे लेकर तय स्थान पर रात के समय आने के लिए कहा और बंगाल लौटने वाले वहां पहुंच भी गए। पीड़ितों के मुताबिक रात के समय में एक बस आरजे 13 पीबी 0070 सभी को ले जाने के लिए पहुंच भी गई और बस में सवार भी हो चुके थे। इसी बीच में वहां पुलिस आ गई, पुलिस तथा जो लोग हमें बंगाल ले जाने वाले थे, दोनों के बीच में काफी देर तक बात होती रही। आरोप है कि इसके बाद में पुलिस ने कथित रूप से गालियां देते और डरा धमका कर सभी को बस से रात को ही नीचे उतार दिया और बस तथा चालक को मौके से भगा दिया। इसके बाद में पुलिस से सभी ने कहा कि, जिन लोगों ने हमारे से 5-5 हजार रूपए ले लिये हैं, वह रकम वापिस दिलाई जाए। लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं की गई तथा महिलाओं, बच्चों को रात में यहां सड़क पर ही छोड़कर सभी फरार हो गए। पीड़ितो के दावे के मुताबिक इस मामले में बंगाल ले जाने वालों के नाम और मोबाइल फोन नंबर के साथ ही पीड़ित पक्ष के द्वारा भी अपने नाम और मोेबाइल नंबर लिखकर बजघेड़ा थाना में शिकायत दे दी गई है, कि धोेखाधड़ी-ठगी करने वालों से पैसे वापिस दिलाने के साथ ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। Post navigation आर्थिक विकास का पहिया चला मजदूरों को मिला रोजगार: सुदेश कटारिया गुरूग्राम जिला से मध्यप्रदेश के दमोह के लिए ट्रेन रवाना, ट्रेन की 20 बोगियों से 1500 प्रवासी नागरिक गए अपने घरों को ।