प्रशासन की आंखें बंद, अरावली में बढ़ता जा रहा है कूड़े का पहाड़ : वशिष्ठ कुमार गोयल. कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी अगर रोजाना आने वाले कूड़े का निस्तारण नहीं कर सकती तो ठेका किया जाए रद्द. कंपनी पर सख्त कार्रवाई हो जिससे शहर में स्वच्छता व्यवस्था को ठीक करने में सफलता मिले गुडग़ांव, 20 मई. अरावली में बढ़ते जा रहे कूड़े के पहाड़ को लेकर नव जन चेतना मंच लगातार इस मामले को सरकार और प्रशासन के सामने उठा रहा है। इसी कड़ी में मंच के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल ने खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने जब ग्वाल पहाड़ी स्थित कूड़े के बढ़ते पहाड़ के संदर्भ में जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो उन्हें हैरान करने वाली जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि पूरे गुरूग्राम जिले से अरावली की वादियों में रोजाना 1800 दन कूड़ा पहुंचाया जा रहा है। कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली कंपनी इकोग्रीन के पास महज दो या तीन मशीनें ऐसी हैं जो छमता अधिक होने के बाद भी रोजाना सिर्फ 600 से 900 टन कूड़ा निस्तारण कर पा रही हैं। वहीं लॉक डाउन के बाद कर्मचारियों की कमी होने के बाद से ही कूड़े का निस्तारण ना के बराबर है। मौजूदा हालत में 300 से 400 टन कूड़ा ही निस्तारण हो रहा है, जिसके चलते अरावली की वादियों में रोजाना 1400 से 1500 टन कूड़ा बढ़ रहा है, यही कारण है कि अरावली में कूड़े का पहाड़ बढ़ता जा रहा है। इस कूड़े से निकलने वाला लीचेड जमीन के अंदर जा रहा है, जो जमीन के पानी को जहरीला बना रहा है। इसके अलावा अरावली के कूड़ा डंपिंग सेंटर से लगते एक दर्जन गांव यहां के प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे गांव के लोगों में बीमारियों के फैलने का खौफ बना हुआ है। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि यह सब जानकारी शासन और प्रशासन के पास है, बावजूद इसके सबकी आंखें बंद पड़ी है। गुरुग्राम से हरियाणा सरकार को इतना अधिक राजस्व मिलने के बावजूद भी गुरुग्राम के लोगों को किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं, यह सब के सामने हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द कूड़ा निस्तारण करने की व्यवस्था ठीक की जाए, अगर उक्त कंपनी कूड़े का निस्तारण नहीं करा सकती है, तो इस कंपनी का ठेका तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और कूड़ा निस्तारण करने का ठेका किसी ऐसी हिंदुस्तानी कंपनी को दिया जाए जोकि यहां कूड़ा निस्तारण के साथ साथ शहर को स्वच्छ भी रख सके। Post navigation मेवात की चिंता : मेवात में हिंदूओं पर हमले व उत्पीड़न असहनीय ग्रामीणों को रक्तदान के प्रति जागरुक कर शिविर लगा रही रेडक्रास सोसायटी