पंचकूला, 17 मई। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने देश भर में मजदूरों के एक राज्य से दूसरे राज्यों में पलायन की विभीषिका को देश के इतिहास का एक कलंक बताते हुए कहा कि आने वाले समय में देश का श्रमिक इस त्रासदी के लिए  जिम्मेदार भाजपा की केन्द्र सरकार से बदला लेगा। चन्द्र मोहन ने कहा कि स्वतनत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि भूखे प्यासे श्रमिक केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों का खामियाजा सड़कों, रेल की पटरियों और भूख और प्यास से विह्वल हो कर अपने प्राणों से हाथ धोने पर विवश हो रहें हैं।

वक्त इस बात का साक्षी है कि अपने बच्चों की भूख की क्रन्दन पुकार को सुन कर कई श्रमिकों ने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली। सड़कों पर भूख से कहराते और भटकते हुए इन श्रमिकों के दर्द को समझने का प्रयास नही किया। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को 1000 किलोमीटर तक साइकिल पर सवार होकर गांव पहुंचने पर विवश होना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि अपने दुर्भाग्य को कोसते हुए तपती धूप में अपने पांव में छाले और घाव लिए हुए सड़कों पर बेदर्द पुलिस की लाठियां और डंडे खाने पड़े और केन्द्र सरकार मुक-दर्शक बन कर देखती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि 50 दिन के बाद केन्द्र सरकार की आंख खुली और इन श्रमिकों के आंसू पोंछने के लिए लगभग 8 करोड़  श्रमिकों को एक महीने में पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चने देने की घोषणा करके उनका इमान खरीदने का प्रयास किया है।

यह सुविधा केवल मात्र दो महीने के लिए यह सुविधा देने की घोषणा की है। इस राहत पैकेज का अनुमान लगाया जाए तो यह एक के मुंह में जीरे के समान है। चन्द्र मोहन ने अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान जिसमें उन्होंने श्रमिको को नकद राशि देने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि नकद राशि देने से ही वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने मनरेगा में कार्यदिवस 100 से बढ़कर 200 कार्य दिवस वार्षिक करने की मांग का भी समर्थन किया है।  

चन्द्रमोहन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उन श्रमिकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए जो सरकार की अकर्मण्यता के कारण फरीदाबाद से गोरखपुर जाते समय उनका ट्रक हादसे का शिकार हो गया, जिसमें 24 लोगों को जीवन से हाथ धोना पड़ा और अनेक लोग घायल हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री से पुन: मांग की है कि धार्मिक स्थलों को जनभावनाओं के अनुरूप सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए खोलने के आदेश तुरंत  देने की अनुकम्पा करें ताकि श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना के द्वारा भक्ति रूपी रसधारा में सराबोर होने का सुअवसर प्राप्त हो सके।  

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