तत्काल सूखा राशन व आर्थिक मदद देने की मांग ।

पानीपत 14 मई. चीफ सेक्रेट्री व डीसी पानीपत सहित छः अधिकारियों को हाई कोर्ट की अवमानना का लीगल नोटिस भेज कर 15 प्रवासी मज़दूरों ने तत्काल राशन व आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की है ।लीगल नोटिस में सभी अधिकारियों पर महामारी कानून 1893 के सेक्शन 3,आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के 51,55,56 व भा.द.स.के सेक्शन 188 के तहत मुक़द्दमा चलाने की चेतावनी दी है ।

श्रमिक संगठन इफ़टू प्रांतीय संयोजक पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार न तो मज़दूरों को राशन दे रही है न घर जाने दे रही है ।कपूर ने बताया कि गत 17 अप्रैल को इफ़टू की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने ज़रूरतमंद प्रवासी मज़दूरों को तत्काल राशन व आर्थिक मदद देने के आदेश किये थे ।मज़दूरं संगठन इफ़टू ने डीसी पानीपत व सरकार के सभी सम्बंधित अधिकारियों को करीब 4000 मज़दूरों के नामों की मोबाइल नम्बर,आधार नम्बर व बैंक खाता नम्बर सहित सूची भेजी ।इस पर शुरू में एक बार तो प्रशासन ने सूखा राशन दिया ।लेकिन दोबारा न तो राशन दिया और हर हफ्ते 1000रुपये की आर्थिक मदद तो किसी को भी नहीं दी ।
कपूर ने बताया कि उन्होंने अपने वकील संजीव यादव की मार्फ़त मज़दूर राजकुमार,संजय,फुरकान,शेखर पोद्दार,मुस्लिम,गुड्डू सहित 15 मज़दूरों की ओर से डीसी सहित छः अधिकारियों को लीगल नोटिस भिजवाया है ।

डीसी हेमा शर्मा के इलावा चीफ सेक्रेटरी केशनी आनन्द अरोड़ा,गृह सचिव विजय वर्धन,नोडल ऑफिसर मोहम्मद शाईन, लेबर कमिश्नर पंकज अग्रवाल,एडीसी प्रीति,कमिश्नर नगर निगम ओम प्रकाश को नोटिस भेजा गया है ।नोटिस में चेतावनी दी है कि अगर प्रवासी मज़दूरों को तत्काल राशन व अर्थिक मदद न दी तो हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना के जुर्म में सभी छः अधिकारियों पर हाइकोर्ट में कारवाई की जाएगी ।

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