पंचकूला,10 मई। हरियाणा महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सुधा भारद्वाज का कहना है कि आर्थिक स्तर पर व्यापारियों, छोटे दूकानदारों को चोट पहुंचा चुकी भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार अब किसानों को दोहरी मार मारने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का 9 मई का फरमान पूरी तरह से तुगलकी और किसान विरोधी है। इससे पहले यह सरकार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और उनकी एलटीसी को बंद करने की घोषणा करके अपना कर्मचारी विरोधी होने का परिचय भी दे ही चुकी है। उन्होंने कहा कि किसान पहले ही सरकारी अनदेखी के चलते अपनी गेहूं की फसल पर कम कीमत मिलने से और बरसात की मार से खराब हुई फस्ल की वजह से बुरी तरह से टूटा पड़ा है और अब ऊपर से सरकार का यह फैसला किसान को और भी गर्त में धकेलने जैसा है। उन्होंने कहा कि सबसे ’यादा हैरानी की बात तो यह है कि खुद को किसानों के मसीहा कहने वाले और किसान परिवार से संबंध रखने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी सरकार के इस तुगलकी फरमान को जारी किये जाने के भागीदार हैं। सुधा भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा सरकार के 9 मई के आदेशों मेरा जल मेरी विरासत स्कीम के अनुसार अब रा’य के किसान प्रदेश के 19 ब्लॉकों में आगामी धान की खेती नहीं कर सकेंगे। जिसमें कैथल जिले के सीवन व गुहला,कुरुक्षेत्र जिले के पीपली,शाहबाद,बबैन,इस्माइलाबाद, सिरसा की कुल 444667 एकड़ जमीन के 50 फीसदी हिस्से यानि कि 222334 एकड़ जमीन पर धान की फस्ल की बुआई पर रोक लगा दी गई है। यदि इन 19 ब्लॉकों में अगर किसानों ने धान की फस्ल की बुआई की तो उसे सरकार की ओर से हर ्रपकार की सबसिड़ी से इंकार होगा और उसकी फसल भी न्यूनतम मूल्य पर नहीं खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके आलावा सरकार ने 26 ब्लॉकों में पंचायती भूमि पर धान की फसल की बुआई पर रोक लगा दी है। प्रदेश के 26 ब्लॉक में पंचायती भूमि पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है। इसमें से 18 ब्लॉक सरकार द्वारा जारी की गई 23 अप्रैल, 2020 की चिट्ठी व 9 मई, 2020 के इश्तिहार में चिन्हित कर दिए गए हैं-असंध (जिला करनाल), पुंडरी, सीवन, गुहला (जिला कैथल), नरवाना (जिला जींद), थानेसर, बबैन, शाहबाद, पेहवा, पीपली, इस्माईलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र), अंबाला-1, साहा (जिला अंबाला), रादौर (जिला यमुनानगर), गन्नौर (जिला सोनपत), रतिया, फतेहाबाद (जिला फतेहाबाद), सिरसा (जिला सिरसा)। उन्होंने ने बताया की पिछले वर्ष भी सरकार ने धान की फसल की जगह मक्का पैदा करने के लिए जल ही जीवन स्कीम 7 ब्लॉक असंध, पुंडरी, नरवाना, थानेसर, अंबाला-1, रादौर व गन्नौर चिन्हित किये गये थे। इन इलाकों में धान की जगह मक्का की खेती करने के लिए 2000 रु. प्रति एकड़ कैश, 766 रु. प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम व हाईब्रिड सीड देने का वादा किया था व 50,000 हेक्टेयर यानि 1,37,000 एकड़ में धान की बजाए मक्का की खेती होनी थी। मगर सरकार अपना यह वायदा पूरा नहीं कर पाई। न तो किसान को प्रति एकड़ मुआवजÞा मिला, न बीमा हुआ, हाईब्रिड सीड फेल हो गया। हरियाणा महिला कांग्रेस की कार्रूकारी अध्यक्ष सुधा भारद्वाज ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान किसी भी सूरत में बद्स्त नहीं किया जाएगा। क्योकि डार्कजोन को रिचार्ज करने वाली दादुपुर नलवी नहर का कोर्ट के आदेश के बाबाजूद भी किसानों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजे न देने के कारण दादुपुर नलवी नहर बंद करवाया। उसके उपरांत डार्कजोन में भूमि सिंचाई की कोई योजना नहीं बनाई गई और अब भाजपा जजपा की इस सांझी सरकार ने नया तानाशाही फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि भूजल का संरक्षण आवश्यक तो है, परंतु सरकार द्वारा अपनी गलतियों को किसानों के ऊपर धोपना किसी भी सूरत सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि 400 करोड़ से अधिक लागत से बनी च्दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजनाज् पूरे उत्तरी हरियाणा के किसान जीवन रेखा थी, जिसे खट्टर सरकार ने बंद कर दिया । और अब यह सांझी सरकार गिरते भूजल की दुहाई दे कर किसान को मारने का काम कर रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Post navigation डॉ सुरेश मिश्रा ने कंज्यूमर्स एसोसिएशन की पीठ थपथपाई भाजपा-जजपा हो या कांग्रेसी सरकार किसानों के लिए दोनों ही एक ही थैली के चट्टे बट्टे: अभय सिंह चौटाला