सरकार की निष्क्रियता पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, अवमानना कार्रवाई की चेतावनी
विशेष जांच टीम (SIT) को संसाधन न देने पर हरियाणा सरकार को कोर्ट में तलब करने की चेतावनी

नई दिल्ली/चंडीगढ़/हिसार, 27 मार्च – हरियाणा के चर्चित भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण में राज्य सरकार की निष्क्रियता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने 25 मार्च को हुई सुनवाई में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को फटकार लगाते हुए स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि विशेष जांच टीम (SIT) को शीघ्र ही सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए, तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा और सरकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
SIT को सहयोग नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हरियाणा सरकार के रवैये पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने SIT को जांच में सहयोग देने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं दिए। बार-बार अनुरोध के बावजूद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने SIT को किसी भी तरह की सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं।
बेंच ने सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा,
“हरियाणा सरकार की मंशा मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की नहीं दिख रही है। यदि SIT को जरूरी संसाधन नहीं दिए गए, तो हम मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब करेंगे और उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने की अनदेखी
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि SIT को यात्रा, ठहराव और अन्य सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
हालांकि, SIT द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने SIT के अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया और किसी भी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई। इस लापरवाही से नाराज पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार पर जांच में जानबूझकर बाधा डालने और SIT का सहयोग न करने का आरोप लगाया।
सरकार ने कोर्ट में दिया आश्वासन
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद, हरियाणा सरकार के वकील ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि SIT को पूरी सहायता दी जाएगी और जांच के लिए जरूरी संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे।
अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद, SIT रखेगी अपनी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की है। इस दौरान SIT को अपनी अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि सरकार ने फिर भी आदेशों का पालन नहीं किया, तो मुख्य सचिव को कोर्ट में तलब कर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े रुख से साफ है कि न्यायालय भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण की निष्पक्ष जांच को लेकर गंभीर है और किसी भी तरह की देरी या अड़चन बर्दाश्त नहीं करेगा। अब देखना होगा कि हरियाणा सरकार SIT को वास्तविक सहयोग देती है या फिर उसे अदालत के कठोर फैसले का सामना करना पड़ेगा।