दीपा शर्मा (महासचिव राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ ) कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भगवान परशुराम जैसे पूजनीय देवता की तुलना किसी भी मानव से करना घोर निंदनीय है

दीपा शर्मा

चंडीगढ़। महिला कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रेखा विनोद जैन की विवादित पोस्ट को लेकर ब्राह्मण समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से किए जाने पर समाज के लोगों ने कड़ा विरोध जताया और उनके निष्कासन की मांग की। उज्जैन के महाकाल मंदिर के पुजारियों सहित अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण महासभा और विभिन्न संगठनों ने इस बयान की घोर निंदा की है।

क्या है पूरा मामला?

रविवार को महिला कांग्रेस नेत्री रेखा जैन ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने भगवान परशुराम और हिंदुत्व को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। पोस्ट में परशुराम जी की तुलना औरंगजेब से करते हुए कहा गया था – ‘औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया था, जबकि परशुराम ने अपनी माता का सिर काटकर खुद भेंट किया था।’ यही नहीं, पोस्ट में भगवान परशुराम को ‘जातिगत घृणा का प्रतीक’ तक बता दिया गया।

ब्राह्मण समाज का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन

सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होते ही ब्राह्मण समाज और महाकाल मंदिर के पुजारियों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भगवान परशुराम जैसे पूजनीय देवता की तुलना औरंगजेब से करना घोर निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि रेखा जैन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के महामंत्री रुपेश मेहता ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेखा जैन विकृत मानसिकता की परिचायक हैं और उनका सार्वजनिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। विरोध के चलते कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए, जिसमें ब्राह्मण समाज ने कांग्रेस नेतृत्व से मांग की कि रेखा जैन को पार्टी से निष्कासित किया जाए।

रेखा जैन की सफाई और कांग्रेस का रुख

मामले के तूल पकड़ने के बाद कांग्रेस नेत्री रेखा जैन ने सफाई देते हुए कहा कि यह पोस्ट गलती से साझा हो गई थी और उन्होंने इसे डिलीट कर दिया है। साथ ही, उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले में रेखा जैन को फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि ऐसे बयान पार्टी की विचारधारा के खिलाफ हैं।

आगे क्या?

हालांकि, माफी मांगने के बावजूद ब्राह्मण समाज का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और विरोध जारी है। विभिन्न संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

भगवान परशुराम पर इस तरह की टिप्पणी से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल मच गई है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस मामले को किस तरह सुलझाता है और ब्राह्मण समाज की नाराजगी कैसे शांत होती है।

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