– हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या हुई 2.13 करोड़
– विधानसभा बजट सत्र में सरकार ने खुद किए चौंकाने वाले खुलासे
चंडीगढ़, 26 मार्च: हरियाणा सरकार के विकास के दावों की पोल खुद सरकारी आंकड़े खोल रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने बयान जारी कर कहा कि राज्य में गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे साफ होता है कि सरकार की विकास नीतियां विफल साबित हो रही हैं।
हरियाणा में लगातार बढ़ रही गरीबी
सांसद कुमारी सैलजा ने बताया कि हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को लेकर सरकार से सवाल किया था। इसके जवाब में सरकार ने जो आंकड़े पेश किए, वे बेहद चौंकाने वाले हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
- 2020-21: बीपीएल राशन कार्ड – 11.09 लाख, लाभार्थी – 52.40 लाख
- 2021-22: बीपीएल राशन कार्ड – 11.21 लाख, लाभार्थी – 49.09 लाख
- 2022-23: बीपीएल राशन कार्ड – 26.46 लाख, लाभार्थी – 1.12 करोड़
- 2023-24: बीपीएल राशन कार्ड – 44.99 लाख, लाभार्थी – 1.80 करोड़
- 2024-25: बीपीएल राशन कार्ड – 51.96 लाख, लाभार्थी – 2.13 करोड़
इन आंकड़ों से साफ है कि पिछले 5 सालों में गरीबों की संख्या 52 लाख से बढ़कर 2.13 करोड़ तक पहुंच गई है।
विकास के दावे और बढ़ती गरीबी में विरोधाभास
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार के विकास के दावे झूठे हैं। सरकार ने बजट सत्र में बताया कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 3.53 लाख रुपये हो गई है। लेकिन अगर आमदनी इतनी बढ़ी है, तो बीपीएल परिवारों की संख्या तेजी से क्यों बढ़ रही है?
उन्होंने सवाल किया कि बीपीएल श्रेणी में वे लोग आते हैं जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होती है। यदि सरकार के अनुसार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय इतनी अधिक है, तो फिर गरीबों की संख्या में इतना बड़ा उछाल कैसे आया? यह स्पष्ट संकेत देता है कि सरकार द्वारा पेश किए जा रहे विकास के आंकड़े सिर्फ कागजी हैं और जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
बेरोजगारी और नशे की ओर बढ़ता प्रदेश
सांसद सैलजा ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने के कारण गरीबी बढ़ रही है। लोगों के पास आय के साधन नहीं हैं, जिससे वे गरीबी रेखा के नीचे पहुंच रहे हैं। रोजगार के अभाव में प्रदेश के युवा नशे और अपराध की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे समाज में अराजकता फैल रही है।
प्रदेश पर बढ़ता कर्ज और सरकार की विफलता
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश पर कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ रहा है। सरकार को इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। विकास के झूठे आंकड़े पेश करने के बजाय धरातल पर वास्तविक सुधार लाने की दिशा में काम करना आवश्यक है।