
चण्डीगढ़, 18 मार्च – हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज दो विधेयक पारित किए गए। इनमें पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा ग्राम षामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 षामिल हैं।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2025
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2021 को संशोधित करने के लिए पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण निवासियों को जीवन की गुणवत्ता तथा जीवन के युक्तियुक्त मानक मुहैया कराने, समेकित तथा समन्वित योजना अवसरंचना विकास, शहरी सुख-सुविधाओं की व्यवस्था, प्रबंधन गतिशीलता, शहरी पर्यावरण, सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास के सत्त प्रबंधन मुहैया कराने के लिए पंचकूला का निरन्तर, सतत तथा संतुलित विकास के विजन का विकास करने के लिए, पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2021 के अधीन बनाया गया था। यह शहरी एकीकरण का शीघ्रता से विस्तार करने के रूप में पंचकूला की आपातिक परिस्थिति में स्थानीय प्राधिकारियों के समन्वय से शहरी शासन तथा समर्पण संरचना को सुधारने का प्रयास करेगा।
अधिनियम की धारा 15 हरियाणा अनुसूचित सड़क तथा नियन्त्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बन्धन अधिनियम, 1963 (1963 का पंजाब अधिनियम 41) के अधीन प्रदत्त शक्तियों के अनुसार निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना, हरियाणा की शक्तियों का प्रयोग करने को लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को समर्थ बनाती है किन्तु जैसाकि प्राधिकरण का अधिकांश क्षेत्र हरियाणा नई राजधानी (परिधि) नियन्त्रण अधिनियम, 1952 (1953 का पंजाब अधिनियम 1) के अधीन घोषित नियन्त्रित क्षेत्र के भाग में पढ़ता है, इसलिए 1953 के अधिनियम-1 के प्रावधानों के अधीन प्रदत्त निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना,चण्डीगढ़ की शक्तियों का निर्बाध तथा उचित रूप से कार्य करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा प्रयोग की जानी अपेक्षित भी है। इसके अतिरिक्त, मूल अधिनियम में केवल नगर निगम पंचकूला वर्णित है जबकि क्षेत्र में नगर पालिका परिषद, कालका के क्षेत्र की सीमाएं भी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आती है।
हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
हरियाणा शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 को संशोधित करने के लिए हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया।
पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) नियम, 1964 को लागू होने से पहले हरियाणा भूमि उपयोग अधिनियम, 1949 के तहत कलेक्टर द्वारा 20 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह में स्थित भूमि को शामलात देह के दायरे से बाहर रखा गया है। इसलिए ग्राम पंचायत द्वारा ऐसी भूमि के पट्टे पर दिये जाने के प्रावधान धारा 5क (1) के पहले और दूसरे परंतुक खंडों को लोप करने का प्रस्ताव है।
31 मार्च, 2004 को या उससे पहले शामलात देह में स्थित भूमि पर अनाधिकृत रूप से निर्मित मकानों के नियमितीकरण के लिए ग्राम पंचायतों को अनुमोदन प्रदान करने के प्रत्येक मामले को मंत्रिपरिषद केे समक्ष रखना बहुत कठिन होगा। इसलिए, ऐसे मामलों में ग्राम पंचायतों को अनुमोदन प्रदान करने के लिए निदेशक पंचायत को शक्ति देने का प्रस्ताव है।
अधिनियम की धारा 5क (1क) में अनाधिकृत रूप से घर निर्माण की गई भूमि को निर्धारित बाजार दर पर बेचने का प्रावधान है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 25 नवम्बर, 2021 को जारी की नीति के अनुसार प्रत्येक मामले में बाजार दर निर्धारित करने की कठिनाई को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्तावित है कि ग्राम पंचायत को ऐसी भूमि को ऐसी दर जो विहित की जाये पर बेचने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान कर दिया जाये।