क्या बीजेपी में रहते ही कुछ बीजेपी वालो ने दिया बागियों निर्दलियो का साथ। गुरिंदरजीत सिंह

बीजेपी के पन्ना प्रमुखो से भी बेहतर टीम थी क्या बीजेपी के बागियों के पास?

कैबिनेट मंत्री जी हो चाहे, बीजेपी अध्यक्ष, या पूर्व सी एम के ओसेडी, या महामंत्री का गढ़, सभी धराशाही दिखे निकाय निगम चुनाव में।

गुरुग्राम: हरियाणा में निकाय निगम चुनाव के नतीजे आ चुके है, और जिस में बीजेपी ही बीजेपी दिखाई दे रही है।

निकाय निगम चुनाव से लगता है बीजेपी की जीत में जनता का सहयोग तो है, पर बीजेपी के कार्यकर्ता बीजेपी के पधाधिकारियो के साथ नही। नतीजो से साफ साफ पता चलता है कि बीजेपी गुरुग्राम अध्यक्ष के गाव चक्करपुर में बीजेपी हारी।

दोनों बीजेपी गुरुग्राम के महामंत्रियों के उम्मीदवार अपने ही गढ़ में हारे। महामंत्री रहे सर्वप्रिये त्यागी की धर्मपत्नी एकता त्यागी हारी।

पूर्व सीएम के ओएसडी के क्षेत्र से भी बीजेपी को हार ही मिली। ऐसे ही पूर्व सांसद सुधा यादव जी के करीबी और बीजेपी पदाधिकारी रहे मुकेश कौशिक अपने ही वार्ड नंबर 07 से बुरी तरह हारे। वे चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे।

गुरुग्राम निगम चुनाव पर गुरुग्राम के समाजसेवी इं. गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने बताया कि मेयर चुनावो में बीजेपी ने मानेसर को छोड़ सभी पर जीत हासिल की। गुरुग्राम में भी बीजेपी की श्रीमती राज रानी विजयी हुई। उनको 270781 वोट मिले। और कांग्रेस की टिकट से लडी सीमा पाहुजा को 91296 वोट मिले। श्रीमती राज रानी ने सीमा पाहुजा को 179485 वोटो से हराया। वही गुरुग्राम मेयर चुनाव में 15911 वोटर ने NOTA बटन दबाया।

उन्होंने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम मेयर चुनाव में 41.6 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल वोट 377,988 डाले गए। जबकि कुल वोटर लगभग 9.15 लाख के करीब है। ऐसे में सीधे सीधे बीजेपी और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारो को 58.4% लोगो ने नाकार दिया। और NOTA दबाने वाले भी 15911 लोग है। अगर प्रतिशत की बात की जाए तो बीजेपी को 270781 वोट मिले, जो गुरुग्राम के कुल वोटर 9.15 लाख का सिर्फ 29% है।

गुरुग्राम में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत का श्रेय लेने वाले बीजेपी नेता आगे आ आ के खुद का महिमामंडल करवा रहे थे। पर गुरुग्राम निकाय निगम चुनाव में कुछ ज्यादा खास नही कर पाए। नगर निगम में बीजेपी ही बीजेपी छाई रही, तो जिले में बीजेपी के दिग्गज नेता अपने ही क्षेत्र में अपने ही उम्मीदवारो को जीतवा नहीं पाए।

सवाल: बीजेपी की जीत या हार??

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि चुनाव नतीजो से साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी के दिग्गज नेता अपने ही क्षेत्र में अपने ही उम्मीदवारो को जीतवा नही पाए? या ऐसा कहे कि वे खुद ही अपने गढ़ में हार गए।

कैबिनेट मंत्री जी हो चाहे, बीजेपी अध्यक्ष, या पूर्व सीएम के ओएसडी, या महामंत्री का गढ़, सभी धराशाही दिखे निकाय निगम चुनाव में।

गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि गुरुग्राम निगम चुनाव पर अगर वार्डवाइज़ नज़र मारे तो पता चलता है कि कैबिनेट मंत्री जी हो चाहे, बीजेपी अध्यक्ष, या पूर्व सीएम के ओएसडी, या महामंत्री का गढ़, या गुरुग्राम के विधायक का डुंडाहेड़ा क्षेत्र, या पूर्व सांसद के करीबी रहे उम्मीदवार सभी धराशाही दिखे निकाय निगम चुनाव में।

गुरुग्राम निगम चुनाव पर बीजेपी की हार

गुरुग्राम में बीजेपी को वार्ड नंबर 03, 04, 05, 06, 07, 09, 10, 12, 17, 23, 33 और 35 से हार का मुह देखना पड़ा। देखिये क्या रहे परिणाम।

वार्ड 03= राकेश यादव निर्दलीय 4815 और उपविजेता राहुल (निर्दलीय) को 2935 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार पवन यादव को 2852 वोट मिली और वे तीसरे स्थान पर रहे।

वार्ड 04= प्रदीप कुमार पदम निर्दलीय 6224 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार संदीप यादव को 3437 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

वार्ड 05= रामअवतार राणा जेजेपी 4890 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार राकेश राणा को 4129 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

पिंकी बीर सिंह राणा (निर्दलीय) को 3689 वोट मिले।

वार्ड 06= बीजेपी के महामन्त्री सर्व प्रिय त्यागी (पिंटू त्यागी) की धर्मपत्नी एकता त्यागी वार्ड 6 से सतपाल से कांग्रेस की टिकट से लड़े हारी।

सतपाल कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े और 4909 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार एकता त्यागी को 3709 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

सज्जन दौलताबाद (निर्दलीय) को 2589 और सुखबीर सिंह (निर्दलीय) को 1803 वोट मिले।

वार्ड 07= दिनेश दहिया निर्दलीय 3323 और उपविजेता शक्ति (कांग्रेस) को 2582 वोट मिले। बीजेपी पूर्व सांसद सुधा यादव के करीबी माने जाने वाले बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश कौशिक को 2402 वोट मिली और वे तीसरे स्थान पर रहे

नवीन (निर्दलीय) को 1505 और संदीप महलवात गाड़ोली (निर्दलीय) को 1005 वोट मिले।

वार्ड 09= अवनीश राघव निर्दलीय को 5094 वोट मिले। बीजेपी के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के खास माने जाने वाले बीजेपी के उम्मीदवार ब्रहम प्रकाश यादव को 4953 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे

वार्ड 10= महाबीर (निर्दलीय) को 4715 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार अजीत सिंह यादव को 4713 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

वार्ड 12= रुचि (निर्दलीय) को 2896 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार सीमा राजेश ठाकरान को 2689 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

स्नेह लता सुरेन्द्र ठाकरान (निर्दलीय) को 2034 और प्रियंका (निर्दलीय) को 1885 वोट मिले।

वार्ड 17= नेहा देवतवाल (निर्दलीय) को 2973 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार आंचल भाटी को 2386 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

निशा अजयपाल (निर्दलीय) को 1934, उषा यादव (निर्दलीय) को 1463 और मंजू बाला (निर्दलीय) को 1397 वोट मिले।

वार्ड 23= कुणाल यादव (निर्दलीय) को 3216 और उपविजेता रमा रानी राठी (निर्दलीय) को 1617 वोट मिले।

पंकज यादव (निर्दलीय) को 1507 को 1885 वोट मिले।

बीजेपी गुरुग्राम अध्यक्ष कमल यादव के खास माने जाते बीजेपी के उम्मीदवार कुलदीप यादव को 1369 वोट मिली और वे चौथे स्थान पर रहे।

वार्ड 33= सारिका भारद्वाज (निर्दलीय) को 6359 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार शीतल बागरी को 4585 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

सरिता (निर्दलीय) को 1348 वोट मिले।

वार्ड 35= परमिंदर कटारिया (निर्दलीय) को 6821 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार वरुण कौशिक को 2357 वोट मिली और वे दूसरे स्थान पर रहे।

इंद्रपाल (सल्ले ) (निर्दलीय) को 2284 को वोट मिले।

निष्कर्ष:

बीजेपी के नेता कांग्रेस के बारे बोलते है कि कांग्रेस के पास संगठन नही। पर बीजेपी के पास पन्ना प्रमुख तक है। अगर ऐसा ही है तो बीजेपी के दिग्गज नेताओ के क्षेत्रों में क्यों बीजेपी हारी?
ऐसे में सवाल तो बनता है
1) बीजेपी की जीत या हार, ये है बड़ा सवाल??
2) क्या बीजेपी पन्ना प्रमुखों से भी बेहतर टीम है बीजेपी बागियों के पास?
3) क्या कुछ बीजेपी वालो ने बीजेपी में रहते हुए बागियों निर्दलियो का साथ दिया?
4) क्या बीजेपी के दिग्गज नेताओ का ओवर कॉन्फिडेंस ही उन्ही के गढ़ में उन्ही के उम्मीदवारो के लिए भारी पड़ा?
सोचे, समझे और विचारणे के बाद इन सवालों के सही जवाब खोजने की भविष्य के लिए बहुत जरूरत है। तभी पता चलेगा कही भीतरघात तो नही हुआ, अगर हुआ तो कौन कौन किस किस के साथ था??

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