
6 मार्च 2025— स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आशा व्यक्त की कि दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई हरियाणा कांग्रेस की संचालन समिति की बैठक के बाद जल्द ही विपक्ष के नेता की नियुक्ति होगी। साथ ही, प्रदेश संगठन में आवश्यक बदलाव और नियुक्तियों की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी।
विद्रोही ने कहा कि यदि कांग्रेस नेतृत्व इस कार्य में अधिक देरी करता है, तो हरियाणा कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। इससे न केवल जनमुद्दों पर प्रभावी संघर्ष संभव होगा, बल्कि कांग्रेस के देशव्यापी अभियान ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ को भी अपेक्षित गति नहीं मिलेगी।
हरियाणा कांग्रेस की कमजोरी और संगठनहीनता
विगत 11-12 वर्षों से संगठनविहीन हरियाणा कांग्रेस पहले ही गुटबाजी और असमंजस के कारण कमजोर हो चुकी है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम हैं, जहां कांग्रेस जीती हुई बाजी हार गई। यदि कांग्रेस में स्पष्ट नेतृत्व और संगठित संगठन होता, तो आज हरियाणा में भाजपा की नहीं, बल्कि कांग्रेस की सरकार होती।
कांग्रेस नेतृत्व की निष्क्रियता का दुष्प्रभाव
विधानसभा चुनाव के पांच माह बाद भी कांग्रेस नेतृत्व द्वारा संभावित सुधारात्मक कदम (Corrective Measures) न उठाना प्रदेश की जनता के बीच नकारात्मक संदेश भेज रहा है। इसका परिणाम 12 मार्च को होने वाले नगर निकाय चुनावों में साफ नजर आएगा।
विद्रोही ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस नेतृत्व यह सोचता है कि निर्णयों को टालने और लटकाने से परिस्थितियां सुधरेंगी, तो यह न केवल भारी भूल होगी बल्कि इससे हरियाणा में भाजपा को और अधिक मजबूती मिलेगी। कांग्रेस पहले ही इस रणनीति से काफी नुकसान उठा चुकी है, और यदि अब भी नेतृत्व नहीं संभलता, तो इसका खामियाजा पार्टी को वर्षों तक भुगतना पड़ेगा।
जनता नया विकल्प तलाश लेगी
विद्रोही ने स्पष्ट किया कि जनता कांग्रेस नेतृत्व के निर्णयों का इंतजार नहीं करेगी। यदि कांग्रेस नेतृत्व समय रहते स्पष्ट फैसले नहीं लेता है, तो जनता अपने अनुसार नया राजनीतिक विकल्प तलाश लेगी।