अपने पार्थिव शरीर को भी परहित के लिए दान देकर समाज के लिए अनुकरणीय सन्देश छोड़ गए।

गुरुग्राम, फरवरी 20,2025: तन मन धन से सर्वदा समाज के लिए समर्पित रहने वाले स्वयंसेवक श्रवण मखीजा का 94 वर्ष की आयु में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। जीवन पर्यंत समाज सेवा व मरणोपरांत अपने पार्थिव शरीर को भी परहित के लिए दान देकर समाज के लिए अनुकरणीय सन्देश छोड़ गए। आज दोपहर ही दधीचि देहदान समिति के माध्यम से परिजनों ने उनके शरीर को नई दिल्ली स्तिथ अखिल भरतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को सौंप दिया। उनके निधन पर राष्ट्रीय स्वमं सेवक संघ व आर्यसमाज सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने दुःख व्यक्त किया है। वे अपने पीछे धर्मपत्नी व भाई को छोड़ गए है।
श्रवण मखीजा का जन्म अविभाजित भारत के जिला मुज्जफर नगर के गांव रंगपुर में एक मार्च 1932 में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार सोहना व उसके बाद गुरुग्राम में आकर बस गया। श्री मखीजा जी अनेक सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका में रहे। वह आर्य समाज व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विशेष सक्रिय रहे। उनके द्वारा बनाए गए स्वयंसेवक आज भी उनके समर्पण व कार्य के प्रति निष्ठा की चर्चा करते है। उन्होंने राम प्यारी ट्रस्ट बनाया हुआ था। जिसके माध्यम से आर्य समाज, आरएसएस, भारत विकास परिषद, साध्वी ऋतम्भरा ट्रस्ट जैसी एक दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाओं को लाखों रुपया प्रति वर्ष सहयोग रूप में नियमित देते रहे।
उनकी धर्मपत्नी कांता मखीजा ने बताया कि श्रवण मखीजा ने उन्हें पहले ही देहदान के संकल्प को बता दिया था। इसलिए उनके मरणोपरांत दधीचि देहदान समिति को इसकी जानकारी दे दी गई। उसके बाद ए आई आई एम एस नई दिल्ली की टीम आकर उनके पार्थिव शरीर को ले गई। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सामाजिक संस्थाओं को दी जाने वाली सहयोग राशि की प्रक्रिया उनके मरणोपरांत भी जारी रहेगी।
श्री मखीजा के निधन पर आरएसएस उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल, महानगर संघचालक जगदीश ग्रोवर, शिक्षाविद डॉ अशोक दिवाकर, परोपकारिणी सभा अजमेर के कनहैया लाल आर्य आदि अनेक गणमान्य लोगों ने दुःख व्यक्त किया।