पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग से 54.18 लाख करोड़ इनकम टैक्स वसूला
महंगाई और बेरोजगारी गंभीर समस्या
मोदी सरकार तारीफ़े बटोरने पर उतारू
दुनिया का सबसे युवा देश लेकिन बजट में युवाओं के लिए कुछ भी विशेष नहीं
किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रोड मैप अथवा ठोस योजना नहीं
बेरोज़गारी को कम करने के लिए, नौकरियां बढ़ाने की कोई बात नहीं की गई
फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । भाजपा की केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली हैट्रिक सरकार पर यह मुहावरा मौजूदा बजट पर बिलकुल सटीक बैठता है, नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली ! पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग से 54.18 लाख करोड़ का इनकम टैक्स वसूल किया है। अब मोदी सरकार 12 लाख तक का जो रियायत दे रही हैं, उसके हिसाब से वित्त मंत्री खुद कह रहीं हैं कि साल में 80,000 की बचत होगी। यानि हर महीने मात्र 6,666 की ही बचत होगी। पूरा देश महँगाई और बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है, पर मोदी सरकार झूठी तारीफ़े बटोरने पर उतारू है। शनिवार को पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी एससी सेल की प्रदेश महासचिव पार्लर चौधरी के द्वारा कुछ इसी प्रकार से व्यक्त की गई।
उन्होंने बजट को “घोषणावीर” बजट की संज्ञा देते हुए कहा इस बजट में सरकार के द्वारा अपनी खामियां छिपाने के लिए मेक इन इंडिया को नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन बना दिया गया है। बाकी सारी घोषणाएं लगभग ऐसी हैं। युवाओं के लिए कुछ नहीं है। देश के पीएम मोदी के द्वारा एक दिन पहले ही वादा किया गया था कि इस बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वो बड़ा कदम उठाएंगे, पर बजट में कुछ ऐसा नहीं निकला।
कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने कहा किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रोड मैप अथवा ठोस योजना नहीं; खेती के सामान- उपकरण पर जीएसटी में किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दिया गया। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के स्वास्थ, शिक्षा, स्कॉलरशिप की कोई योजना नहीं । प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कैसे बढ़ाना है, उसके लिए कोई रिफॉर्म का कदम नहीं है। एक्सपोर्ट और टैरिफ पर दो चार सतही बातें कहकर अपनी विफलताओं को छिपाया गया है।
उन्होंने कहा गरीब की आय को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है। लगातार गिरती जा रही अर्थव्यवस्था पर एक भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है।असमान छूती महँगाई कि बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का बजट वही का वही है। श्रमिकों को आय बढ़ाने के लिये कुछ नहीं किया गया। जीएसटी के मल्टीपल रेट्स में कोई सुधार की बात नहीं की गई है।बेरोज़गारी को कम करने के लिए, नौकरियां बढ़ाने की कोई बात नहीं की गई। स्टार्टअप योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना, स्किल इंडिया जैसी सभी योजनाएँ बस घोषणाएँ साबित हुईं।कुल मिलाकर मौजूदा बजट मोदी सरकार द्वारा लोगों की आँखों में धूल झोंकने का प्रयास है।