टैक्साईल एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने मंत्री के समक्ष रखी इंडस्ट्री से जुड़ी मांगे

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चंडीगढ़, 28 जनवरी- हरियाणा के उद्योग, वाणिज्य, पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री राव नरबीर सिंह ने आज पानीपत में स्थानीय अनाज मंडी में पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित होम टैक्सटाइल प्रदर्शनी का विधिवत रूप से रिबन काट कर उद्घाटन किया व प्रदर्शनी का अवलोकन कर आधुनिक मशीनों द्वारा तैयार उत्पादों की जानकारी ली।

उद्योग मंत्री श्री राव नरबीर सिंह ने प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद टैक्साईल एसोसिएशनों के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन के साथ-साथ उद्योग की तरक्की भी देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाती है। छोटे-छोटे देशों की ग्रोथ अच्छी खासी है। इसके पीछे यही कारण है कि वहां के लोगों द्वारा उद्योग को बढ़ावा दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि उद्योग को और अधिक मजबूत बनाने को लेकर जो नई उद्योग पॉलिसी बनाई जा रही है उसमें उद्यमियों को मिलने वाली सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। इसके निर्माण को लेकर उद्योगपतियों की राय भी ली जा रही है। उद्योगपतियों पर किसी भी तरह से नई पॉलिसी को थोपा नहीं जाएगा। सबका सहयोग लेकर नई पॉलिसी का निर्माण किया जाएगा।

उद्योग मंत्री श्री राव ने कहा कि हरियाणा उद्योग के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। यहां कानून व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। प्रदेश में उद्योगों के लिए अच्छा वातावरण है। उद्यमियों को लोगों का पूरा सहयोग मिलता है। केंद्र सरकार द्वारा उद्योगों को लेकर प्रदेश में अनेक योजनाएं प्रस्तावित है जिन पर जल्दी कार्य होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में विकास को लेकर नई गति प्रदान कर रही है। प्रदेश की जनता ने अच्छा बहुमत देकर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी का मान सम्मान बढ़ाया है उसके नतीजे भी प्रदेश की विकास को लेकर अच्छे होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह की विकास को लेकर कटौती नहीं की जाएगी। पलायन की जो स्थिति बनी हुई थी उसको लेकर समाधान करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमें और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। प्रदेश में पॉलिथीन का बनाना व उसका इस्तेमाल करना पूरी तरह से बंद है। इस पर अधिकारियों को और मजबूती से कार्य करना होगा। पॉलिथीन का उपयोग स्वास्थ्य के लिए भी घातक है व इसको गलने में 400 साल का समय लग जाता है। हमें इस पर गौर करना चाहिये। अगर इसी तरह हम पालिथिन का उपयोग करते रहे तो 16 पीढिय़ां गुजर जाने तक भी पॉलिथीन खत्म नहीं हो सकता।

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