-बुकलेट जारी करके विकास कार्यों की बात कर रही है सरकार -गुरुग्राम की बदहाली पर सीएम ने नहीं लिया अफसरों पर कोई एक्शन -सरकार के 100 दिन बीतने के बाद भी नहीं सुधरे गंदगी के हालात -अपनी पीठ थपथपाने के अलावा कुछ नहीं कर रही सरकार गुरुग्राम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि हरियाणा में 100 दिन पूरे होने पर भाजपा सरकार अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है। 100 दिन पूरे होने पर बुकलेट जारी करके सरकार उपलब्धियां गिनवा रही है। सरकार यह बताए कि धरातल पर कितने काम हुए हैं। हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले गुरुग्राम के हालात कितने बदले हैं। यहां की सफाई व्यवस्था कितनी सुधरी है, यह जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि सरकार परिवार पहचान पत्र को लागू करने के मामले में भी प्रशंसा कर रही है, जबकि पूरे प्रदेश में सरकार का यह कार्य हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है। परिवार पहचान पत्र में आय को तो बढ़ा तो दिया जाता है, लेकिन किसी की बढ़ी आय को घटाने में लोगों को चक्कर कटवाए जाते हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रही है। कहीं तो अति बुजुर्गों की पेंशन भी नहीं बनती और कहीं अयोगय लोगों की पेंशन बना दी जाती है। पोर्टल के साथ पेंशन को जोडऩे के नाम पर परेशानी खड़ी की गई है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसलों की जानकारी देने के नाम पर किसानों को बेवजह परेशान किया जाता है। किसान इसमें उलझकर रह गए हैं। ऑनलाइन ब्यौरा देने के लिए उन्हें परेशानी होती है। आज भी आयुष्मान और चिरायु कार्ड से लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा। सरकारी अस्पतालों के हालात तो पहले से ही बुरे हैं। इसकी बानगी गुरुग्राम में देखी जा सकती है। भाजपा सरकार अपने 10 साल 100 दिन के कार्यकाल में गुरुग्राम का नागरिक अस्पताल और बस अड्डा तक नहीं बना पाई है।स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज ने कभी गुरुग्राम के अस्पताल को बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। परिवहन मंत्री बनकर वे यहां बस अड्डा ना होने पर दुख जाहिर करते हैं। उनके बस अड्डे के दौरे के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। डावर ने कहा कि 24 घंटे बिजली देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को गांवों में जाकर देखना चाहिए कि बिजली के कितने हालत खराब हैं। हर 20 किलोमीटर पर कालेज खोलने के दावे करने वाली भाजपा सरकार अब तक गुरुग्राम विश्वविद्यालय का निर्माण तक पूरा नहीं कर पाई है। आधे-अधूरे विश्वविद्यालय में कई कक्षाएं लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। पंकज डावर ने कहा कि समाधान शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को दूर करने का दावा करने वाली सरकार बताए कि अधिकारी तो वही हैं। वे नियमित तौर पर काम क्यों नहीं करते। क्योंकि समाधान शिविर में काम करने को दिखाकर वाहवाही लूटी जा रही है। Post navigation मानेसर नगर निगम के घोटालों की परतें खुलनी शुरू हुई, 40 करोड़ पब्लिक टॉयलेट घोटाले के जांच की मांग उठी नागरिकों की उम्मीदों को प्रमुख केंद्र होता है केंद्रीय बजट : योगेश चंद्र मुंजाल